कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए लैंगिक भेदभाव संवेदनशीलता पर एनडीएमसी ने की कार्यशाला

नई दिल्ली, 23 नवम्बर, (आईएएनएस )। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के सतर्कता और जन स्वास्थ्य विभाग ने आज एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर और इस संबन्ध में संवेदीकरण करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की अतिरिक्त सचिव डॉ प्रवीण कुमारी सिंह ने इस कार्यशाला को संबोधित किया।
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कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए लैंगिक भेदभाव संवेदनशीलता पर एनडीएमसी ने की कार्यशाला नई दिल्ली, 23 नवम्बर, (आईएएनएस )। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के सतर्कता और जन स्वास्थ्य विभाग ने आज एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर और इस संबन्ध में संवेदीकरण करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की अतिरिक्त सचिव डॉ प्रवीण कुमारी सिंह ने इस कार्यशाला को संबोधित किया।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की मुख्य सतर्कता अधिकारी गरिमा सिंह, निदेशक (सतर्कता) आर.एन. सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी शकुंतला श्रीवास्तव, डॉ. गुंजन सहाय और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय पटेल के साथ-साथ एनडीएमसी के सभी सफाई स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल के स्वच्छता कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

डॉ. प्रवीण कुमारी सिंह ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण)अधिनियम 2013 की उत्पत्ति और प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने राजस्थान में 1992 में भवंरी देवी की घटना से लेकर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 से महिलाओं के संरक्षण की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 1997 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विशाखा दिशानिर्देश जारी हुए और उसके बाद अंतत: 2013 में अधिनियम के रूप में सामने आया।

उन्होंने शिकायतों के निवारण तंत्र, संरचना के साथ-साथ शिकायतों से निपटारे के लिए आंतरिक समिति के अधिकार के बारे में भी बताया। डॉ. सिंह ने शिकायतों को कम करने और स्वस्थ कार्य वातावरण बनाने के लिए जागरूकता और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। यह कार्यशाला महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने की दिशा में एनडीएमसी द्वारा की गई एक सक्रिय पहल होगी।

--आईएएनएस

एमजीएच/एएनएम

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