#WorldRadioDay: आखिर नई एडवांस और हाईटेक पीढ़ी को भी जानना चाहिए कि किस तरह उनके LIFE STYLE से विदा हो गया रेडियो

न्यूज टुडे नेटवर्क। आज देश दुनिया (World) ने कितनी भी तरक्की कर ली हो, रेडियो (Radio) आज भी हमारी जिंदगी से गायब नहीं हुआ है। शायद यही वजह है कि आज 13 फरवरी (13 February) को वर्ड रेडियो डे (World Radio Day) को किसी पुराने ऐतिहासिक दिन की तरह नहीं मनाया जाता है। जब दुनिया
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#WorldRadioDay: आखिर नई एडवांस और हाईटेक पीढ़ी को भी जानना चाहिए कि किस तरह उनके LIFE STYLE से विदा हो गया रेडियो

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। आज देश दुनिया (World) ने कितनी भी तरक्की कर ली हो, रेडियो (Radio) आज भी हमारी जिंदगी से गायब नहीं हुआ है। शायद यही वजह है कि आज 13 फरवरी (13 February) को वर्ड रेडियो डे (World Radio Day) को किसी पुराने ऐतिहासिक दिन की तरह नहीं मनाया जाता है। जब दुनिया में 70 और 80 के दशक में टेलीविजन (Television) फैलना शुरु हुआ तो आशंका जताई जा रही थी कि रेडियो जिसे भारत में बहुत से लोग ट्रांजिस्टर (Transistor) भी कहते हैं,  खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आज  इस दिन को लोगों में रेडियो के प्रति जागरुकता फैलाने और उसके महत्व को बताने के लिए मनाया जाने लगा।

हां यह बात दीगर है कि नई और एडवांस युवा पीढ़ी की जिन्‍दगी के लाइफस्‍टाइल से रेडियो युग का कोई नाता ही नहीं है। मोबाइल फोन, टेबलेट और हाईटेक गैजेट्स के आगे एडवांस युवा पीढ़ी को शायद ही रेडियो को लेकर कोई दिलचस्‍पी हो। फिर भी नई पीढ़ी को इतना तो जानने की जरूरत है ही कि हमारे बड़े बुजुर्ग और पुरखों का लाइफ स्‍टाइल क्‍या था उनके मनोरंजन के साधनों में किन चीजों का समावेश था। #WorldRadioDay इसीलिए दुनिया भर में विश्‍व रेडियो दिवस का महत्‍व और भी बढ़ जाता है।

क्या है इस साल की थीम
साल 2021 में वर्ल्ड रेडियो डे को तीन थीम्स या विषय वस्तुओं में बांटा गया है। ये हैं विकास, नवाचार और संपर्क या जुड़ाव। इस साल का वर्ल्ड रेडियो दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि यह विश्व रेडियो दिवस की दसवीं सालगिरह है। यह बात नई पीढ़ी को हैरान करने वाली लग सकती है टेलीविजन के व्यापक होने के बाद भी रेडियो को आज भी उपयोगी माना जाता है।

सूचना के आदान प्रदान का जरिया
रेडियो एक जमाने में तेज संचार यानि सूचना के आदान प्रदान का प्रमुख  साधन बन गया था.  उससे पहले टेलीग्राफ के जरिए ही सूचनाओं का आदान प्रदान के लिये एक प्रमुख जरिया था। #WorldRadioDay यहां तक कि दूर दूर देशों में खबरों को पहुंचाने का काम तार द्वारा ही किया जाता है, लेकिन रेडियो ने संचार क्रांति ला दी। रेडियो के जरिए ऐसी जगहों पर ही सूचनाएं और खबरें पहुंच सकती हैं जहां सोचा भी नहीं जा सकता था।

रेडियो में अहसासों की मुकम्मल दुनिया बसती थी
रेडियो ने वक्त को नहीं दौर को जीया है। रेडियो से जुड़ी ऐसी बातें इसलिए, क्योंकि आज (13 फरवरी) विश्व रेडियो डे है। केबल टीवी और मोबाइल की उपलब्धता के कारण अब भले ही रेडियो का क्रेज कम हो गया है। लेकिन कभी रेडियो में अहसासों की मुकम्मल दुनिया बसती थी।

जब दिल के रोगियों को रेडियो से दूर रहने की मिली हिदायत
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बीपी शर्मा ने बताया कि यह अस्सी के दशक की बात है। ओवल में भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट मैच इतने रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया कि मेरे घर के बाहर पान की दुकान पर करीब सौ लोग कमेंट्री सुनने के लिए इकट्ठा हो गए। कमेंटेटर बार-बार कह रहा था कि जो हृदय रोगी हैं, वे रेडियो सेट से दूर हो जाएं, क्योंकि मैच बहुत ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। आखिर में भारत ने मैच जीता और लोगों ने जमकर जश्न मनाया।