अजब-गजब : पुलिस नहीं महात्मा गांधी निपटाने है सारे विवाद, हर नई बहू लेती महात्मा गांधी से आशीर्वाद

भारत में कई ऐसे गांव हैं जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाएं लगी हुई हैं, लेकिन एक ऐसा गांव है जहां बापू का मंदिर बना हुआ है। ये मंदिर ओडिशा के संबलपुर जिले के भटारा गांव में स्थित है। मंदिर में तिरंगे के नीचे गांधी जी प्रतिमा है। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 6 फीट है।
 | 
अजब-गजब : पुलिस नहीं महात्मा गांधी निपटाने है सारे विवाद, हर नई बहू लेती महात्मा गांधी से आशीर्वाद

भारत में कई ऐसे गांव हैं जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाएं लगी हुई हैं, लेकिन एक ऐसा गांव है जहां बापू का मंदिर बना हुआ है। ये मंदिर ओडिशा के संबलपुर जिले के भटारा गांव में स्थित है। मंदिर में तिरंगे के नीचे गांधी जी प्रतिमा है। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 6 फीट है।  किसी भी प्रकार के घरेलु विवादों हों या अन्य झगड़ों के लिए भी महात्मा गांधी का मंदिर जाया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर का नींव इलाके के पूर्व विधायक अभिमन्यु कुमार ने रखा था। यहां रोज एक घंटे रामधुन होता है, जिसमें पूरा गांव शामिल होता है। वहां के लोगों को गांधी को भगवान के रूप में पूजते हैं। गांव के सभी घरों में गांधी की तस्वीर है।

बहू लेती है महात्मा गाँधी का आशीर्वाद

नई-नवेली बहू ससुराल जब गांव में कदम रखती हैं तो पहले आशीर्वाद लेने के लिए महात्मा गांधी के मंदिर जाती है। इस गांव पर गांधीजी के विचारों का असर इतना पड़ा कि यहाँ किसी भी प्रकार का भेदभाव, छुआछूत जैसी समस्याओं नहीं हैं यदि मंदिर की बात की जाये तो मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथ में तिरंगा लिए भारत माता की प्रतिमा है गांधीजी यहाँ पर हाथो में गीता लिए बैठे हुई प्रतिमा में है। इसके साथ ही यहां से अपराध और नशा नहीं करने की सीख दी जाती है। दावा ये है कि गांव में कोई भी किसी तरह का नशा नहीं करता है।

अजब-गजब : पुलिस नहीं महात्मा गांधी निपटाने है सारे विवाद, हर नई बहू लेती महात्मा गांधी से आशीर्वाद

क्या है इसकी मान्यता

इस मंदिर 11 अप्रैल 1974 पूर्व विधायक अभिमन्यु कुमार 93 साल पहले इस मंदिर की नीव रखी थी। यहाँ रोज एक घंटे रामधुन होती है, जिसमें पूरा गांव शामिल होता है। गांव के बुजुर्ग टिकेश्वर छुरिया व बनमाली कुम्हार का कहना है कि गांधीजी इंसान के रूप में भगवान लगते हैं। सभी के घरों में गांधीजी की तस्वीर लगी है। यहाँ पर विवाद भी कम होते है यदि कोई विवाद होता है तो उसके लिए पुलिस तक जाने की आवश्यकता नहीं होती है।

छुआछूत खत्म करने के लिए 1928 में गांधीजी गांव में आए थे

भत्रा के पहले विधायक अभिमन्यु कुमार ने मंदिर की नींव रखी और लोगों को साथ लेकर 11 अप्रैल 1974 में इसे बनवाया। उनके बेटे प्रमोद कुमार ने बताया कि आजादी के बाद यहां छुआछूत बहुत थी। गांधीजी 1928 में इसे खत्म करने के अभियान को लेकर यहां भी आए थे। यहां लोगों को मंदिरों में प्रवेश व पूजा की अनुमति नहीं थी। तब मेरे पिता ने गांधीजी का मंदिर बनाने का निर्णय लिया। मंदिर की बात की जाये तो मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथ में तिरंगा लिए भारत माता की प्रतिमा है गांधीजी यहाँ पर हाथो में गीता लिए बैठे हुई प्रतिमा में है।