हल्द्वानी- (विजय दिवस) देवभूमि के इस शौर्य चक्र विजेता ने खुखरी से उतार दिया दुश्मनों को मौत के घाट

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज विजय दिवस है। इसी दिन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में करीब 90 से 95 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। आज विजय दिवस के मौके पर हम 1971 के युद्ध में अदम्य साहस के साथ लड़े अपने बहादुर जवानों को याद करते हैं। ऐसे में देवभूमि का एक जवान जो हमेशा
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हल्द्वानी- (विजय दिवस) देवभूमि के इस शौर्य चक्र विजेता ने खुखरी से उतार दिया दुश्मनों को मौत के घाट

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-आज विजय दिवस है। इसी दिन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में करीब 90 से 95 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। आज विजय दिवस के मौके पर हम 1971 के युद्ध में अदम्य साहस के साथ लड़े अपने बहादुर जवानों को याद करते हैं। ऐसे में देवभूमि का एक जवान जो हमेशा लोगों की जुबां पर रहते है। उनकी वीरता के किस्से आज भी पहाड़ों में लोग सुनाते है। जिनका नाम है शौर्य चक्र विजेता बलवीर सिंह माहरा। लोहाघाट के रहने वाले शौर्य चक्र विजेता बलवीर सिंह माहरा खुखरी से ही कई आतंकवादियों  को मौत के घाट उतार दिया था। वीर जवान बलवीर सिंह माहरा वर्ष 1971 में ग्रिफ में दंत चिकित्सक के रूप में भर्ती हुए थे।

हल्द्वानी- (विजय दिवस) देवभूमि के इस शौर्य चक्र विजेता ने खुखरी से उतार दिया दुश्मनों को मौत के घाट

1973 में मिला शहीद बलवीर को शौर्य चक्र

इस दौरान उनकी तैनाती नागालैंड में हुई।अचानक आतंकवादियों ने उन पर और उनके साथियों पर हमला कर दिया। हमला होता देख उनके कई साथी जान बचाकर कैंप से भाग गए, लेकिन माहरा ने अपनी जांबाजी का परिचय देते हुए खुखरी से ही कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। अंत में लड़ते-लड़ते तीर लगने पर वह वीरगति को प्राप्त हो गए। तब एक महीने बाद उनके परिजनों को तार के द्वारा उनके शहीद होने की खबर मिली। इसके बाद सेना के अधिकारियों ने यह जानकारी भारत सरकार को दी। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राष्ट्रपति वीवी गिरी ने उनकी पत्नी कलावती देवी को राष्ट्रपति भवन बुलाकर वर्ष 1973 में शौर्य चक्र प्रदान किया। भारत सरकार ने उन्हें एक पेट्रोल पंप दिया है।