Varanasi : अपने अड़भंगी भक्‍तों के साथ बाबा ने महाश्मशान पर खेली चिता भस्म की होली

वाराणसी। पुरातन परंपरा (tradition) को निभाते हुए औघड़दानी शिव ने अपने अड़भंगी भक्तों (devotees) ने केदारेश्वर महाश्मशान पर चिताभस्म (Chitabhasamam) से होली खेली। हर तरफ उड़ती चिता भस्म के बीच यह अनोखी होली देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। परंपरा है कि द्वादशी (Dwadashi) पर बाबा अपने उन भक्तों के बीच होली खेलते
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Varanasi : अपने अड़भंगी भक्‍तों के साथ बाबा ने महाश्मशान पर खेली चिता भस्म की होली

वाराणसी। पुरातन परंपरा (tradition) को निभाते हुए औघड़दानी शिव ने अपने अड़भंगी भक्‍तों (devotees) ने केदारेश्‍वर महाश्‍मशान पर चिताभस्‍म (Chitabhasamam) से होली खेली। हर तरफ उड़ती चिता भस्‍म के बीच यह अनोखी होली देखने के लिए भक्‍तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
Varanasi : अपने अड़भंगी भक्‍तों के साथ बाबा ने महाश्मशान पर खेली चिता भस्म की होलीपरंपरा है कि द्वादशी (Dwadashi) पर बाबा अपने उन भक्‍तों के बीच होली खेलते हैं जिनका मनुष्‍यों के बीच प्रवेश बाबा ने ही निषेध कर रखा है। ऐसे भूत, प्रेत आदि के साथ चिता भस्‍म की होली खेल भोले उनका भी मान रखते हैं।

चिताओं की गरम भस्‍म की होली 
भूत-प्रेतों (ghosts) और गणों के लिए होने वाली इस अनोखी होली में चिताओं की गरम भस्‍म उड़ाई जाती है। वाराणसी में खेली जाने वाली इस होली को देखने के लिए देश-विदेश से भक्‍त व पर्यटक आते हैं। यहां औघड़दानी शिव अपने विशेष भक्‍तों के साथ होली खेलते हैं।

खेले मसाने में होली दिगंबर जैसे गीतों पर झूमते रहे भक्‍त
मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर ‘बम बम बोल रहा है काशी’, ‘खेलें मसाने में होली दिगंबर’ जैसे गीतों पर चिता भस्म उड़ाते हुए अड़भंगी भक्त मस्ती में नाचते रहे।