बरेली निवेश कुंभ में पहले दिन की कहानी, थोड़ी-थोड़ी ‘बेमानी’

निवेश पर चर्चा नहीं, लजीज भोजन का ज्यादा हुआ गुणगान
आज कितने एमएओयू साइन हुए, किसी को कुछ भी नहीं पता ,
बरेली के निवेश कुंभ में पहले ही दिन दिखने लगीं अव्यवस्थाएं ,
दूर-दूर से आए छोटे निवेशकों की किसी ने नहीं ली सुध,
कुछ खास लोगों का ही गुणगान करते नजर आए संचालक ,
परीक्षा में कितने पास होंगे इंडस्ट्री अफसर, हो रहीं चर्चाएं
न्यूज़ टुडे नेटवर्क। लखनऊ में आज से शुरू हुआ यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जहां पहले ही दिन से सफलता की तस्वीरें सामने आ रही हैं, वहीं बरेली में साथ-साथ हो रहे निवेश कुंभ पर प्रथम दिन कई सवाल खड़े होते-होते दिखे। बरेली में पिछले दिनों हुआ पहला निवेश सम्मेलन जहां कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की मौजूदगी में खासा कामयाब रहा था, वहीं अब कई गुना ज्यादा निवेश दावे और बातें कर किया जा रहा निवेश कार्यक्रम औपचारिकताओं और अव्यवस्थाओं में सिमट रहा है। कमिश्नर, डीएम और एसएसपी जरूर अपने अमले के साथ निवेशकों को बेहतर माहौल देने का भरोसा दिला रहे हैं मगर उद्योग विभाग के अधिकारी कसौटी पर पिछड़ रहे हैं। गुरुवार को आईएमए हाल में आयोजित निवेश सम्मेलन में ऐसी खामियां दिखीं कि लोग मायूस नजर आए। संचालक अपनों के गुणगान और अपनों के सम्मान करते दिखे। बाकी की कसर बार-बार लजीज भोजन का बखान करके पूरी कर दी गई, जो हाल में मौजूद किसी भी खास ओ आम को बिल्कुल अच्छी नहीं लगी।

वैसे तो बरेली में निवेश के लिए आगे आए ज्यादातर निवेशक लखनऊ में शुरू हुए ग्लोबल समिट में भाग लेने गए थे। ऐसे में बाकी सबकी नजरें बरेली में हो रहे निवेश कुंभ पर टिकी थीं। आईएमए हाल में कार्यक्रम शुरू हुआ तो मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार ने निवेश कुंभ के मंच से कहा कि दिल्ली-लखनऊ के मध्य में बरेली की लोकेशन इसे खास बनाती है। बरेली मेडिकल एवं एजूकेशन हब पहले ही बन चुका है। अब इसे इंडस्ट्री हब बनाने की दिशा में मिलकर कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। डीएम शिवाकांत द्विवेदी बोले, निवेशकों को प्रशासन स्तर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने कहा कि निवेशकों को बरेली में सुरक्षित माहौल देने के लिए स्मार्ट पुलिसिंग के साथ वह पूरी तरह से तैयार हैं। मुख्य विकास अधिकारी जगप्रवेश, नगरायुक्त निधि गुप्ता वत्स ने भी निवेशकों को हर संभव सहयोग की बात दोहराई। बिथरी डा राघवेन्द्र शर्मा, नवाबगंज विधायक डा एमपी आर्या, मीरगंज विधायक डा डीसी वर्मा के अलावा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार जिस तरह से यूपी में औद्योगिक विकास के लिए काम कर रही है, उसके परिणाम आगे बहुत उत्साहजन सामने आएंगे। अफसर एवं जनप्रतिनिधियों के उद्बोधन तक तो कार्यक्रम कुछ ठीक चला मगर उसके बाद पूरा माहौल आपाधापी में बदल गया। मंच संचालकों ने अचानक पूरे कार्यक्रम की भूमिका ही बदल दी। कुछ निवेशकों के नाम आनन-फानन में मंच से पुकारे गए और उसमें भी कुछ खास का लोगों का खास तरीके से गुणगान किया जाने लगा। इस बीच मंच से ये ऐलान भी किया जाने लगा कि लजीज खाने के इंतजाम भी किया गया है। निवेशकों का कहना था कि निवेश कुंभ में जितना जोर मंच संचालक लजीज खाने पर दे रहे थे, उतना अगर व्यवस्थाओं पर दिया गया होता तो पहले दिन के आयोजन पर कई सवाल नहीं उठे होते।

वैसे तो लखनऊ समिट की तरह बरेली में तीन दिन निवेश सम्मेलन चलने की बात कही जा रही है मगर पहले दिन कार्यक्रम के हालात देखकर निवेशक बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रहे। आईएमए हाल में ही पहला निवेश सम्मेलन बहुत कामयाब रहा था। राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी कार्यक्रम में मौजूद रहे थे। उस दौरान कहा गया था कि साढ़े चार हजारों का निवेश लक्ष्य बरेली में हासिल हो गया। मगर अब इंडस्ट्री डिपार्टमेंट लक्ष्य से 4 गुना 17 हजार करोड़ से भी अधिक के निवेश का दावा कर रहा है और अफसरों के दावे में दम निवेशकों का रुख देखते हुए नजर नहीं आ रही। योगी सरकार एक ओर जहां निवेश को लेकर दिन-रात एक किए हैं, वहीं बरेली में कुछ इंडस्ट्री विभाग के अफसरों के हालात देखते सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या दावे और बातों के बीच निवेश परीक्षा में पास हो पाएंगे या नहीं।