दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन सकलैन मियां के इंतकाल की खबर, देश दुनियां के मुरीदों में गम की लहर

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न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली की मशहूर हजरत शाह शराफत मियां की दरगाह के सज्जादानशीन मोहम्मद सकलैन मियां का शुक्रवार को इंतकाल हो गया। वह 70 वर्ष के थे। सकलैन मियां की रूखसती की खबर सुनकर देश विदेश में मौजूद उनके तमाम मुरीदों में गम की लहर दौड़ गयी।

सकलैन मियां ज्यादातर समय बदायूं के ककराला स्थित दरगाह में रहते थे। शाम साढ़े छह बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें बरेली के चौपला स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इंतकाल हो गया। उनके पार्थिव शरीर को शाहाबाद स्थित दरगाह शरीफ ले जाया गया। 

सकलैन मियां के इंतकाल की जानकारी मिलते ही अस्पताल पर अकीदतमंदों का हुजूम जुटने लगा। रात भर चले सिलसिले में सुबह तक हजारों लोग अस्पताल पर पहुंच गए। उन्हें सुपुर्द-ए-खाक करने पर देर रात तक निर्णय नहीं हो पाया। अब दरगाह की ओर से बताया गया है रविवार को सकलैन मियां रविवार को सुपुर्दे ए खाक होंगे। बड़ी संख्या में मुरीदों के पहुंचने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने शहर में ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया है।

सकलैन मियां के इंतकाल होने की खबर मिलते ही उनके पैतृक निवास ककराला के लोग स्तब्ध रह गए। जिसने भी खबर सुनी वो बरेली के लिए रवाना हो गया। शाह सकलैन मियां केवल ककराला ही नहीं, बल्कि बरेली समेत महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड में भी खासे लोकप्रिय थे। कई राज्यों में उनके मुरीद मौजूद हैं।

हालांकि सकलैन मियां राजनीति में सक्रिय नहीं थे, लेकिन बड़े-बड़े नेता उनका आशीर्वाद पाने के लिए लालायित रहते थे। जिले की राजनीति पर भी उनका गहरा प्रभाव था। ककराला के लोग बताते हैं कि साल 2012 में सकलैन मियां के पिता शाह शुजात अली मियां का उर्स था। उर्स खत्म होने पर सकलैन मियां अपने घर के दरवाजे से बाहर निकलकर टहल रहे थे, तभी तत्कालीन बसपा विधायक मुस्लिम खां की गाड़ी का पहिया उनके पैर से छू गया।

जब इसकी खबर ककराला के लोगों को लगी तो उनके मुरीद वहां एकत्र हो गए। इसके बाद तनातनी बढ़ी तो उनके मुरीदों ने मुस्लिम खां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इसी बात को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने विधायक मुस्लिम खां को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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