लखनऊ हादसे से भी नहीं चेते- बरेली की सड़कों पर पटे होर्डिंग्स हादसों को दे रहे दावत
न्यूज टुडे नेटवर्क। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूनीपोल गिरने से चपेट में आयी मां बेटी की मौत के बाद भी बरेली जिम्मेदार नहीं चेते हैं। शहर में अवैध यूनीपोल व होर्डिंग की भरमार है। प्रमुख सड़कों पर बड़ी संख्या में अवैध् होर्डिंग व असुरक्षित यूनीपोल लगे हुए हैं। हालांकि शासन की सख्ती के बाद नगर निगम की टीम ने अवैध यूनीपोल होर्डिंग हटाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। फिर भी बड़ी संख्या में अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। अवैध होर्डिंग्स से राजस्व का तो नुकसान है ही सीधे तौर पर इंसानों के लिए भी यह खतरा पैदा कर रहे हैं।
अनुमति के बिना बड़े-बड़े होर्डिंग पूरे शहर में लगे हैं। बड़े होर्डिँग्स को लगाने में मानकों को ताक पर रखा गया है। इनमें कई सिंगल पोल आठ इंच पाइप के बजाय चार इंच पाइप पर लगाए गए हैं, जो तेज हवा चलने पर कभी भी गिर सकते हैं।
प्रमुख मार्गों पर लगाए गए 90 प्रतिशत होर्डिंग्स मानकों के विपरीत हैं। नियमों के अनुसार 20 फीट लंबाई के होर्डिंग्स का 75 प्रतिशत हिस्सा पोल के आगे होना चाहिए, 25 प्रतिशत पोल के पीछे।
दूरी का नहीं रखा गया ध्यान
सेटेलाइट बस स्टैंड तिराहा, डोहरा रोड तिराहा, बीसलपुर रोड चौराहा, सौ फुटा तिराहा, डेलापीर चौराहे पर यूनीपोल बिल्कुल सटाकर लगाए गए हैं। नियमों के अनुसार चौराहे से यूनीपोल लगाने की दूरी 40 मीटर होनी चाहिए। यूनीपोल को चौराहे-तिराहे से दूर इसलिए लगाते हैं ताकि आंधी-तूफान में हादसों से बचा जा सके मगर जिम्मेदारों की उदासीनता से चौराहों को यूनीपोल से पाट दिया गया है।
छतों पर लगे रूफटाप भी सुरक्षित नहीं
शहर की छतों पर लगे रूफटाप भी मानकों के विपरीत लगाए गए हैं। सामान्य छतों पर ईंट के बने पिलर पर ही रूफटाप लगा दिए गए हैं।