कुकर्म के दरिन्दे आरोपी को अदालत ने महज 30 दिन के भीतर सुना दी फांसी की सजा, जानिए, कहां का है मामला  

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न्यूज टुडे नेटवर्क। देरी से मिला न्याय अन्याय समान माना जाता है मगर त्वरित न्याय के मामले में अब यूपी की अदालतें इतिहास बना रही हैं। पुलिस का फास्ट इन्वेस्टीगेशन की वजह से कोर्ट भी जल्दी मुकदमों का निपटारा करने में लगे हैं। कोर्ट ने महज 30 दिन के अंदर एक शैतान शख्स को फांसी की सजा सुनाकर नया इतिहास रच दिया है। मुजरिम सैफ ने नौकर के भतीजे की कुकर्म के बाद हत्या कर दी थी। यूपी पुलिस ने महज 20 दिन में इन्वेस्टीगेशन पूरा करते हुए चार्जशीट लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने भी फैसला करने में देरी नहीं की। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिला तो केस की पैरवी करने वालीं सरकारी वकील भी अपनी आंसू नहीं रोक सकीं।

मासूम से दरिंदगी और हत्या मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट एडवोकेट अलका उपमन्यु ने मीडिया को बताया कि मथुरा के औरंगाबाद क्षेत्र में नौ बरस का बच्चा आठ अप्रैल 2023 की शाम को रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। पिता ने थाना सदर बाजार में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस टीमें खोजबीन में जुटीं तो अहम सुराग हाथ लगे। आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए तो बच्चा अपने ताऊ की दुकान पर काम करने वाले मुस्लिम युवक सैफ के साथ जाता दिखा था। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर सैफ से पूछताछ की तो सच उगलते हुए जुर्म स्वीकार लिया। अभियुक्त सैफ पुत्र तस्सबुर खान मूल रूप से केडीए कॉलोनी थाना जाजमऊ कानपुर का रहने वाला है और मथुरा के औरंगाबाद में रहकर बच्चे के ताऊ की दुकान पर काम करता था।

सैफ की निशानदेही पर घर से 500 मीटर दूर स्थित नाले से बच्चे के शव को बरामद हुआ था। पूछताछ में पता लगा कि सैफ ने सुनसान जगह पर ले जाकर मासूम के साथ हैवानितय की थी। भेद खुलने के डर से उसने बच्चे की लोहे की स्प्रिंग से गला दबाकर हत्या कर दी और शव को नाले में फेंककर फरार हो गया था। वारदात से इलाका दहल उठा था। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अपहरण, हत्या, कुकर्म, सबूत मिटाने की धाराओं के साथ पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पुलिस ने जल्दी विवेचना पूरी करते हुए चार्जशीट न्यायालय में 28 अप्रैल 2023 को दाखिल की थी। इसके बाद अभियुक्त पर न्यायालय में दो मई 2023 को चार्ज लगाया गया था। इसमें कुल 14 गवाह थे। 8 मई को पहली गवाही कराई गई तथा 18 मई को सभी की गवाही खत्म हुई। 22 मई को केस में फाइनल बहस हुई थी और 26 मई को अभियुक्त सैफ पर सभी धाराओं में दोष सिद्ध कर दिया गया था। मथुरा के पोक्सो कोर्ट में एक बार फिर इतिहास रचा गया। बच्चे के साथ कुकर्म कर उसकी हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट जज रामकिशोर यादव की अदालत ने मुजरिम सैफ को फांसी की सजा व एक लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट का फैसला आया तो वहां मौजूद बच्चे का परिवार रो पड़ा। घरवालों ने कहा कि आज हमारे बेटा को न्याय मिला है। पुलिस और कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई की है। कोर्ट में मां बाप को रोता देख केस में सरकार की ओर से पैरवी करने वालीं स्पेशल डीजीसी पोक्सो एडवोकेट अलका उपमन्यु  भी अपने को न रोक सकीं और भावुक हो गयीं।

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