सपा ने बरेली में रिटायर्ड अफसर संजीव को बनाया उम्मीदवार, जानें कौन हैं मि. सक्सेना

पूर्व मेयर डा. तोमर व सुप्रिया ऐरन ने कह दी थी ना
पहली बार मेयर चुनाव लड़ेंगे रिटायर्ड अधिकारी संजीव
भडांरण निगम में अफसर रह चुके हैं संजीव सक्सेना
नौकरी के बाद कारोबार- राजनीति में सक्रिय हैं संजीव
न्यूज टुडे नेटवर्क। समाजवादी पार्टी बरेली में संगठनिक ढांचा खड़ा करने में चाहे जितनी पिछड़ गई हो मगर पार्टी ने मेयर मुकाबले को अपना खिलाड़ी तय करने में जरूर बाजी मार ली है। समाजवादी बिग्रेड से अबकी बार संजीव सक्सेना मेयर के दंगल में किस्मत आजमाते दिखेंगे। संजीव सक्सेना खाद्य भंडारण निगम में क्षेत्रीय अधिकारी रह चुके हैं और नौकरी से अवकाश ग्रहण करने के बाद कारोबार के साथ राजनीति में सक्रिय हैं। चुनावी दंगल में खिलाड़ी के रूप में उनका यह पहला प्रयास होगा।

पूर्व मेयर डा. आईएस तोमर और पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन के इंकार के बाद समाजवादी कैंप को चमकते-उभरते मेयर की उम्मीदवार की तलाश थी और रणनीतिकारों की यह तलाश संजीव सक्सेना पर जाकर पूरी हुई। यह दूसरा मौका है, जब सपा ने बरेली के अंदर बड़े चुनावी मुकाबले में कायस्थ समाज के चेहरे पर दांव लगाया है। पहले कभी डा. अरुण कुमार विधानसभा चुनाव में सपा की टिकट पर मैदान में उतरे थे मगर जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच सके। बाद में वही अरुण कुमार भगवा चोला पहनकर भाजपा से चुनाव लड़े तो जीते भी और उसके बाद से तीसरी बार विधायक होने के साथ योगी-2 सरकार में वन मंत्री का अहम दायित्व संभाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि सपा ने मेयर चुनाव में कायस्थ दांव खेलकर नई तरह से समीकरण साधने की कोशिश की है। दूसरी ओर, सपा से मेयर टिकट का सपना देख रहे बाकी दावेदारों को मायूसी हाथ लगी है।

समाजवादी पार्टी का एक बड़ा धड़ा पहले दिन से दो बार बरेली के मेयर रह चुके डा. आईएस तोमर को फिर से चुनावी रण में देखना चाहता था। डा. तोमर ही वो चुनावी योद्धा थे, जिन्होंने पहली बार निर्दलीय मेयर चुनाव जीता था और बाद में सपा में शामिल होकर दूसरी बार नगर निगम में समाजवादी झंडा भी बुलंद किया था। 2017 में डा. तोमर मेयर मुकाबले में भाजपा के डॉ. उमेश गौतम के आगे शिकस्त खा बैठे थे। अब फिर से मेयर चुनाव की चौसर बिछना शुरू हुई तो डा. तोमर को फिर से बरेली के समाजवादियों का एक सुर में समर्थन हासिल था। सपा हाईकमान भी डा. तोमर को फिर से उम्मीदवार बनाना चाहता था मगर वह इस बार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुए। समाजवादी सूत्रों के मुताबिक, सपा के चुनाव प्रभारी ब्रिजेश यादव डा. तोमर को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करने को उनके घर भी गए मगर उन्होंने फिर भी ना कह दी। डा. तोमर से ना सुनने के बाद समाजवादी रणनीतिकारों ने पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन पर निगाहें जमाईं, मगर उधर से भी हां नहीं सुनने को मिली। सुप्रिया ऐरन कांग्रेस से बरेली की मेयर रहीं चुकी हैं और विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद पति प्रवीण सिंह ऐरन के साथ सपा में शामिल हो गई थीं। सपा ने सुप्रिया ऐरन को बरेली कैंट सीट से मैदान में उतारा मगर वह भाजपा प्रत्याशी संजीव अग्रवाल से पराजित हो गईं। चर्चा है कि ऐरन दंपति का फोकस अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव पर है, इसलिए उन्होंने मेयर चुनाव के लिए हामी नहीं भरी।
नगर निगम की चुनावी राजनीति के दिग्गज डा. आईएस तोमर और सुप्रिया ऐरन के इंकार के बाद सपा ने मेयर टिकट दावेदारों पर नजरें दौड़ाई तो रणनीतिकारों को सरकारी सेवा से अवकाश ले चुके संजीव सक्सेना में दमखम नजर आया। चुनावी राजनीति में नए समीकरण पर नई संभावना देखते हुए सपा हाईकमान ने अब संजीव सक्सेना को बरेली से मेयर उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बरेली की आकाशपुरम कालोनी में रहने वाले संजीव सक्सेना सबसे मृदु व्यवहार रखते हैं और कुछ साल से बरेली में कारोबार के साथ राजनीति के मंचों पर सक्रिय नजर आते रहे हैं। उनके पुत्र समाजवादी पार्टी के एक पूर्व विधायक के साथ होटल कारोबार में पार्टनर भी हैं। संजीव सक्सेना की उम्मीदवारी के ऐलान के साथ समर्थकों ने उनका फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया। पार्टी कार्यालय पर तुरंत ही समाजवादी नेता जुट गए और संजीव सक्सेना के साथ मिलकर पूरे दमखम से चुनाव लड़ने का शोर उठाया। यहां बता दें कि शनिवार को सपा ने प्रदेश में बरेली सहित छह मेयर सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। बरेली से संजीव सक्सेना को प्रत्याशी बनाए जाने के साथ मथुरा से पंडित तुलसी राम शर्मा, वाराणसी से ओपी सिंह, आगरा से ललिता जाटव, अलीगढ़ से पूर्व विधायक जमीर उल्ला खां और गाजियाबाद से नीलम गर्ग की उम्मीदवारी का ऐलान किया गया है।