बरेली में छोटे बच्चे बेहद खुश , NEP के तहत हल्का होगा दूसरी कक्षा तक के बच्चों का बस्ता 

शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के कंधों का बोझ कम हो जायेगा। आगामी सत्र से ये नीति लागू होगी। अब पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल बैग में बस भाषा और गणित की किताबें होंगी
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न्यूज़ टुडे नेटवर्क। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के कंधों का बोझ कम हो जायेगा। आगामी सत्र से ये नीति लागू होगी। अब पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल बैग में बस भाषा और गणित की किताबें होंगी। इसी के साथ अब न्यू एजुकेशन पुलिस के अंतर्गत तीन से आठ साल तक की उम्र के बच्चों का मूल्यांकन परीक्षा के माध्यम से नहीं होगा बल्कि कौन बच्चा कितना सीखता है इसपर फोकस किया जायेगा। दूसरी कक्षा तक के छात्रों को मातृभाषा में पढ़ने का मौका मिलेगा।

जानकारी के मुताबिक एनसीईआरटी ( राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) ने नई शिक्षा नीति के तहत पहली और दूसरी कक्षा के लिए सिलेबस तैयार कर लिए हैं। इन नए सिलेबस को जल्द ही लागू कर दिया जायेगा। इससे नन्हे मुन्ने बच्चों को सीखने पर जोर दिया जायेगा न की रट्टा कराने पर। उनका मूल्यांकन म्यूजिक, खेल कूद, बोलने लिखने, कहानी एक्स कविताएं, व्यवहारिक ज्ञान इस सब आधारों पर किया जाएगा। अब इन बालवाटिका के 1,2 और 3 के बच्चों के लिए बैग और किताबें नहीं होंगी। इस बात से बच्चों के माता पिता भी बेहद खुश हैं। न्यूज टुडे नेटवर्क ने इन बच्चों के पेरेंट्स से बातचीत की जहां उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की है।


बता दे 3 से 8 साल तक की उम्र में बच्चा सबसे अधिक सीखता है इसलिए उन्हे मातृभाषा में पढ़ने का मौका दिया जायेगा। सभी राज्य एनसीईआरटी के सिलेबस से पढ़ाई करवा सकते हैं या वे अपना अलग सिलेबस भी तैयार कर सकते हैं। बचपन में भाषा की पढ़ाई होने से बच्चे अपनी मातृभाषा को जल्दी सीख और जान पाएंगे।

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