प्रयागराज: जेल से पर्चा भर के गौ तस्‍कर ब्‍लाक प्रमुख तो बन गया लेकिन शपथ ग्रहण में नहीं जा पाएगा, ये है खास वजह

कोर्ट के इस आदेश से शपथ नहीं ले पाएगा गौ तस्‍करी में निरूद्ध मुजफ़्फर, आज है शपथ ग्रहण, भाजपा प्रत्‍याशी को हराया है  

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के प्रयागराज में जेल से चुनाव लड़कर ब्‍लाक प्रमुखी जीता गौ तस्‍कर अपने शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाएगा। दरअसल अदालत ने उसकी शार्ट टर्म बेल नामंजूर कर दी है। गौ तस्‍करी के आरोप में जेल में बंद मुजफ़्फर अली ने जेल से ही पर्चा दाखिल किया था उसके प्रस्‍तावकों की ओर से पर्चा दाखिल किया गया था। उसने भाजपा प्रत्‍याशी को हराया था।

कोर्ट ने 20 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख पद के प्रस्तावित शपथ ग्रहण समारोह के लिए मांगी शार्ट टर्म बेल अर्जी खारिज कर दी है। ऐसे में नैनी सेंट्रल जेल में बंद मुजफ्फर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएगा। मुजफ्फर अली कौड़िहार ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सपा का कैंडिडेट था। उसने जेल में रहते हुए चुनाव जीता था।

प्रस्तावकों ने उसका पर्चा भराया था। कोर्ट की परमिशन लेकर वह नैनी जेल से ब्लाक में मतदान करने भी पहुंचा था। पुलिस के मुताबिक, उस पर 5 जिलों (फूलपुर, नवाबगंज, कौशाम्बी, खागा फतेहपुर) में गो-तस्करी जैसे संगीन आरोपों में 15 FIR दर्ज हैं। मुजफ्फर अली ने चुनाव के दो दिन पहले ही एक पुराने मामले में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और पुलिस ने उसे नैनी जेल में बंद कर दिया था।

सात जुलाई 2021 को ही प्रयागराज की पूरामुफ्ती पुलिस ने 13 लोगों पर गोतस्करी के आरोप में गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसमें मुजफ्फर का नाम भी शामिल था। पुलिस मुजफ्फर को गिरफ्तार करती इससे पहले ही मुजफ्फर ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया और नैनी जेल चला गया। उसने जेल से ही शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए अर्जी डाली थी। नवाबगंज इंस्पेक्टर योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि मुजफ्फर ने 2002 में दर्ज एक मामले में अदालत में आत्म समर्पण किया था।

भाजपा प्रत्‍याशी को हराया

मुजफ्फर को टिकट मिलने के बाद से ही प्रयागराज जनपद की कौड़िहार सीट चर्चा का विषय बन गई थी। उसने जेल में रहते हुए भाजपा के कैंडिडेट राकेश कुमार यादव को 7 वोटों से हराया था। कुल पड़े 48 मतों में से मुजफ्फर को 25 वोट हासिल हुए थे।