पीलीभीत: कहीं सरकारी तालाब पटवाया, कहीं अवैध कालोनी बनाने वालों को दिया संरक्षण,कानूनगो की डीएम व शासन से शिकायत

तहसील के कार्यालय में राजस्‍व निरीक्षक का शराब पार्टी का वीडियो भी हो चुका है वायरल, नहीं हो रही कार्रवाई

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के पीलीभीत में तैनात राजस्‍व निरीक्षक की मिलीभगत से भू माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है। इस बात खुलासा डीएम और शासन से की गयी शिकायत में हुआ है। इन राजस्‍व निरीक्षक केके सागर व डूडा कर्मचारी महेन्‍द्र पाल का अभी हाल ही में कार्यालय में सहकर्मियों के साथ शराब पार्टी करते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश सचिव शशांक मिश्रा ने इस पूरे मामले की शिकायत शासन प्रशासन से की है। कार्यालय में शराब पार्टी प्रकरण की जांच डीएम ने तहसील प्रशासन के अफसरों को सौंपी थी लेकिन उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुयी है।

डीएम से की गयी शिकायत में आरोप है कि तहसील प्रशासन लगातार राजस्‍व निरीक्षक को बचाने की कोशिश में जुटा हुआ है। मामले की जांच में भी लीपापोती करके निपटाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा डीएम पुलकित खरे को की गयी शिकायत में राजस्‍व निरीक्षक द्वारा गलत तरीके से कालोनी बना रहे लोगों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया गया है।

प्रसपा नेता ने शिकायत में बताया है कि लायंस कॉलेज के आगे ग्राम बराह वृद्ध आश्रम वाले रोड पर वृद्ध आश्रम के आगे हल्का लेखपाल प्रभारी राजस्व निरीक्षक केके सागर के क्षेत्र मैं राजस्व निरीक्षक की सांठगांठ से गौहनिया की गाटा संख्या 236 239 240 241 242 243 216 233 227 रकबा 1.36 हेक्टेयर तहसील व जिला पीलीभीत नाम मालिकान रामकुमार पुत्र राज रतन निवासी ग्राम गौहनिया राजस्व अभिलेखों में दर्ज है जो अनुसूचित जाति के व्यक्ति हैं। ये प्रतापगढ़ जनपद में रहते हैं। बताया कि इनकी जमीन पर ओम प्रकाश और कुछ भूमाफिया लोग अवैध रूप से बिना परमिशन लिए बिना लेआउट पास कराकर प्लॉटिंग करके बेच रहे हैं। जिससे राजस्व की हानि हो रही है।

सरकारी तालाब भी पटवाने का आरोप

इसके अलावा पीलीभीत-आसाम राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे दक्षिण दिशा में ग्राम मीरापुर परगना व तहसील पीलीभीत स्थित खसरा संख्या 82 खाता संख्या 00127 क्षेत्रफल 0.1340 श्रेणी 6-1 का सरकारी तालाब दर्ज अभिलेख है। आपसी करार होने के उपरांत भूमिधरों एवं प्रॉपर्टी डीलरों ने हल्का लेखपाल से सांठगांठ कर ली और चारों दिशाओं से बंद निकास बाली कृषि भूमि का राष्ट्रीय राजमार्ग पर निकास बनाने के उद्देश्य से ग्राम मीरापुर स्थित खसरा संख्या 82 के सरकारी तालाब को पाटकर अस्तित्वहीन कर दिया। बेशकीमती तालाब को पाटकर कृषि भूमि में शामिल कर लिया। इससे कौड़ियों के मूल्य बाली भूमि को बेशकीमती तालाब पाटकर मूल्यवान जमीन बना लिया है। इस मामले में भी राजस्‍व निरीक्षक का संरक्षण कार्य कर रहे लोगों को प्राप्‍त होने का आरोप लगाया गया है।

वर्तमान समय में वहां प्रॉपर्टी डीलर अवैध रूप से रामेश्वरम कॉलोनी विकसित करने हेतु प्लॉटिंग कर रहे हैं। जबकि चारों दिशाओं से निकास बन्द कृषि भूमि को आवासीय भूमि में तब्दील भी नही किया जा सकता और न ही तलपट मानचित्र स्वीकृत किया जा सकता है।