जानें क्या है H3N2 वायरस व इससे बचने के उपाय ? बरेली सीएमओ ने दी जानकारी

न्यूज़ टुडे नेटवर्क। कोरोना के प्रकोप से हम पूरी तरह बाहर भी नहीं आ पाए थे कि अब एक नया दुश्मन सामने खड़ा है। एक नया वायरस, नाम नया है पर हथियार वही पुराने हैं, जो इसके संपर्क में आता है वह बेचैन हो उठता है। इस H3N2 या स्वाइन इन्फ्लूंज वायरस ने एक और जिंदगी खत्म कर दी। गुजरात में H3N2 के दस्तक देने के बाद राज्य में पहली मौत सामने आई है। गुजरात के वडोदरा शहर में 58 साल की महिला को दो दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हुई। जिसके बाद उसे शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों ने एच3एन2 वायरस से मौत की पुष्टि की है।इसे राज्य में H3N2 से पहली मौत कहा जा रहा है। राज्य में दो दिन पहले कोरोना से पहली मौत सूरत में रिपोर्ट हुई थी। गुजरात में H3N2 के मामलों की बढ़ोतरी के साथ कोविड के मामलों में भी वृद्धि हुई है।इससे पहले हरियाणा और कर्नाटक दोनों ही राज्यों में एक एक मरीज की जान जा चुकी है।

इसके बाद से ही केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है।केंद्रीय स्वस्थ मंत्री ने राज्यों में बढ़ते संक्रमण को लेकर सतर्कता और निगरानी के निर्देश दिए हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को ये जानना जरूरी है कि ये वायरस कैसे होता है और इससे कैसे बचा जाए।आज की वीडियो में H3 n2 वायरस के बारे में सभी जरूरी जानकारी देंगे। भारत में तेजी से पैर पसारने वाले H3N2 वायरस 'होंग कोंग फ्लु'भी कहा जा रहा है. यह एक तरह का इंफ्लुएंजा इंफेक्शन है

H3N2 वायरस आमतौर पर सूअरों में फैलता है और फिर इंसानों को संक्रमित करता है.जब ये वायरस मनुष्यों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें वैरिएंट वायरस कहा जाता है. H3N2 वायरस पहली बार 2010 में सूअरों में पाया गया था, वहीं, मनुष्यों में पहली बार 2011 में मिला था.अब 2023 में भारत में फ्लू तेजी से फैल रहा है H3N2 वायरस एक संक्रमित सुअर से इंसानों में खांसी या छींक के दौरान छोड़ी गई संक्रमित बूंदों के माध्यम से फैलता है.फिर जब किसी संक्रमित व्यक्ति की सांस या खांसी और छींक की बूंदें किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति की नाक या मुंह पर गिरती हैं तो वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है.यदि वे वातावरण में मौजूद वायरस को सूंघ लेते हैं तो उन्हें फ्लू भी हो सकता है.
इस वायरस से ग्रसित होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं. इसमें आमतौर पर हल्के या कहें माइल्ड लक्षण दिखते हैं, जैसे ठंड लगने लगती है, खांसी (Cough) आती है. संक्रमित व्यक्ति को बुखार आ सकता है. उल्टी आने जैसा, जी मिचलाना महसूस होने लगता है.,गले में दर्द और गले की खराश रहने लगती है,शरीर की मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है,कई मामलों में दस्त लगने की दिक्कत भी देखी गई है,छींक आना और नाक बहना भी इस वायरस से ग्रसित होने के लक्षणों में शामिल है.
अगर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगे या गले से खाना नीचे ना उतरे तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है.खांसते, छींकते या फिर बेहद करीब से H3N2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति से बात करने पर इस वायरस के अंश या कहें ड्रॉप्लेट्स सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचकर उसे संक्रमित कर सकते हैं. इसके अलावा, अगर इस वायरस के कण किसी सतह पर लगे हों तो ऐसी सतह को छूकर मुंह या नाक पर लगा लेने पर भी व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आ सकता है. इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादातर गर्भवती महिला, बच्चों, वृद्धों और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को ज्यादा रहता है.
H3N2 वायरस से बचाव और सावधानी
H3N2 वायरस की चपेट में आने के बाद डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है. लेकिन, वायरस के कुछ शुरूआती लक्षण शरीर में दिखने लगें या खांसी-जुकाम होने लगे तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर इससे बचा जा सकता है.ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना शुरू करें. इस बात का खास ख्याल रखना है कि शरीर में पानी की कमी ना हो जाए. शरीर में हाइड्रेशन बने रहना बेहद जरूरी है. वायरस से बचने के लिए अपने खानपान में उन चीजों को शामिल करें जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने में मददगार साबित हों. संतरा, बेरीज, हल्दी और नींबू आदि इम्यूनिटी मजबूत बनाने में मददगार होते हैं. जिन लोगों को खांसी या जुकाम लगा हो उनसे बराबर दूरी बनाकर रखें. कोशिश करें कि बीमार व्यक्ति के करीब आप मास्क पहनकर रहें. अपने हाथों को किसी भी सतह को छूने के बाद साबुन से धोएं या सैनिटाइज करते रहें.सबसे जरूरी बार है कि लापरवाही बिल्कुल न करे, तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
हालांकि, इस वायरस को लेकर अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में फिलहाल किसी भी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। मगर फिर भी एहतियात के तौर पर डाक्टर बचाव के लिए सावधानी बरतना बता रहे हैं।