जानिए, नगर स्थापना दिवस मना रहे बरेली को 33 सालों में मिलीं कौन सी पांच उपलब्धियां

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न्यूज टुडे नेटवर्क। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत सहेजने के लिए पहली बार बरेली शहर का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। मेयर डा उमेश गौत्म और नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स की पहल पर बरेली में यह शुरूआत की गयी है। शहर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। चौराहों और प्रमुख मार्गोँ पर सजावट की गयी है। 24 जून को बरेली नगर पालिका से नगर निगम बना। नगर निगम बनने के बाद धीरे धीरे शहर की तस्वीर बदली और विकास की सीढ़ियां चढ़ते चढ़ते बरेली स्मार्ट सिटी घोषित कर दिया गया। इसीलिए 24 जून को बरेली नगर निगम नगर स्थापना दिवस के रूप् में मना रहा है। नगर पालिका से नगर निगम बनने तक 33 साल के इस सफर में बरेली को बहुत कुछ मिला। सांस्कृतिक ऐतिहासिक विरासत सहेजने के साथ साथ बरेली को हाईटेक भी बनाया गया। शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाकर नगर निगम ने इंटीग्रेटेड कमांड सेटर बनाया। संकरी सड़कों ने चौड़ा रूप लिया। एक के बाद एक कई ओवरब्रिज बनने से शहर के विकास को गति मिली। पार्कों का सौन्दर्यीकरण कराया गया। वहीं प्रमुख चौराहों को नया स्वरूप मिला। इन 33 साल में नगर निगम ने बरेली शहर ने ऐतिहासिक इमारतों को सहेजने के साथ साथ शहर को एक नया रूप दिया। 24 जून को नगर स्थापना दिवस समारोह का अन्तिम दिन है। 22 जून से नगर स्थापना दिवस के कार्यक्रम शुरू हो गए थे। बुजुर्गोँ को नाथ मन्दिरों के दर्शन, पतंग महोत्सव, बुजुर्गोँ व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के साथ ही नगर स्थापना दिवस समारोह का समापन हो गया।

नाथनगरी कारिडोर का मिला तोहफा

बरेली को नाथनगरी कारिडोर प्रोजेक्ट का तोहफा मिला है। नाथनगरी कारिडोर बनने से बरेली को देश भर में एक नयी पहचान मिलेगी। भगवान शिव के सात नाथ मन्दिरों से घिरे होने के कारण ही बरेली को नाथनगरी की पहचान मिली। नाथनगरी कारिडोर के तहत शहर के नाथ मन्दिरों के स्वरूपों को बदला जाएगा। मन्दिरों को जाने वाली सड़कों पर सौन्दर्यीकरण् होगा। नाथनगरी के नए प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। जिन पर भगवान शिव की छवि बनायी जाएगी। शहर के चौराहों का भी सौन्दर्यीकरण करके उनका नाम भगवान शिव के नामों पर आधारित रखा जाएगा। चौराहों पर भगवान शिव के प्रतीक डमरू, त्रिशूल, आदि सुशोभित किए जाएंगे। भले ही नाथ कारिडोर का काम बरेली विकास प्राधिकरण करा रहा है, लेकिन नगर निगम भी इस कार्य में पूरा सहयोग दे रहा है।

एक ओवर ब्रिज से सात तक का सफर

नगर निगम बनने के बाद बरेली शहर ने तेजी से विकास के आयामों को छुआ है। एक वक्त था जब बरेली में ओवर ब्रिज के नाम पर सिर्फ किला पुल ही बना हुआ था। आज आईवीआरआई, कुदेशिया, सेटेलाइटशाहमतगंज, चौपुला और लाल फाटक पर ओवर ब्रिज बन चुके हैं। कुतुबखाना के ओवर ब्रिज का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। पार्किंग की समस्या खत्म करने के लिए शहर में 15.62 करोड़ रुपये से तीन मल्टीलेवल पार्किंग भी बन रही हैं।

लेजर फाउंटेन और साउंड शो की चकाचौंध

बदहाल अक्षर विहार को नगर निगम ने पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया है। अक्षर विहार झील पर 3.98 करोड़ रुपए खर्च किए गए जबकि इसके मल्टीमीडिया लेजर फाउंटेन पर 7.94 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पुरानी जिला जेल में लाइट एंड साउंड शो शुरू किया गया है जो बरेली की ऐतिहासिक गौरव यात्रा से लोगों को रूबरू कराता है।

सभी के आकर्षण का केंद्र है भूलभूलैया

गांधी उद्यान में 3.22 करोड़ रुपये की लागत से भूल भुलैया तैयार हुआ है। यह सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शहर के बीचों-बीच स्थित संजय कम्यूनिटी हॉल में भव्य तालाब का निर्माण किया गया है। संगीतमय फव्वारा, सेल्फी प्वाइंट, कियोस्क, चिल्ड्रंस प्ले एरिया, जॉगिंग ट्रैक, कैंटीन आदि की सुविधा मिलेगी।

स्टार्टअप की ऑक्सीजन है इनक्यूबेशन सेंटर

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 50 करोड़ रुपये से जीआईसी में इनक्यूबेशन सेंटर बनाया गया है। यह इनक्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप को टेक्निकल और लीगल डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट के साथ पूंजी भी उपलब्ध कराएगा। सेंटर में स्टार्टअप को नेटवर्क, बिजनेस कनेक्शन और काम करने के लिए जगह भी मिलेगी। जुलाई से यह काम करना शुरू कर देगा।

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