वन मंत्री डा. अरुण सक्सेना के शहर में कायस्थ संगठनों ने सपा के प्रत्याशी के पक्ष में भरी हुंकार
न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में महापौर का चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। पूरे चुनाव में कभी हां तो कभी ना का खेल चल रहा है। समाजवादी पार्टी पहले जहां डा. आईएस तोमर को चुनाव लड़ने के लिए मना रही थी। और डा. तोमर इंकार कर रहे थे। वहीं अब खेल उल्टा हो गया है।
पूर्व मेयर डा. आईएस तोमर के इंकार के बाद सपा ने संजीव सक्सेना को प्रत्याशी घोषित कर दिया और सिंबल के साथ उनका नामांकन भी हो गया। वहीं, डा. तोमर ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। और उनके समर्थन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय सचिव वीरपाल सिंह को जुटने के आदेश भी दे दिया है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या समाजवादी पार्टी दो गुटों में बंटकर चुनाव लड़ेगी। एक ओर जहां डा. तोमर दावा कर रहे हैं कि उनके समर्थन में पार्टी ने संजीव सक्सेना को अपना नामांकन वापस लेने के निर्देश दिए हैं। वहीं बरेली के कायस्थ संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर संजीव सक्सेना को यह विश्वास दिलाया है कि अगर वह चुनाव मैदान में टिके रहते हैं तो बिरादरी उनको पूरे दमखम से चुनाव लड़ाएगी। संजीव सक्सेना के चुनाव लड़ने से एक ओर जहां भाजपा प्रत्याशी डॉ. उमेश गौतम को सपा के दो धड़ों में चुनाव लड़ने से फायदा होगा। वहीं सत्ताधारी भाजपा के कायस्थ समाज के कद्दावर नेता डा. अरुण कुमार सरकार में वनमंत्री के पद पर हैं। ऐसे में कायस्थ संगठनों के इस तरह सपा को खुलकर समर्थन करने से भाजपा असमंजस मे पड़ गई है। अब देखना ये है कि गुरुवार दोपहर चार बजे तक क्या संजीव सक्सेना का नामांकन वापस हो पाता है या नहीं।