कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध में बरेली के पंकज अरोरा व हरिओम ने दुश्मनों को कर दिया था चित्त

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न्यूज टुडे नेटवर्क। आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है। वर्ष 1999 में तीन महीने तक कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तान के खिलाफ चले आपरेशन विजय में सैकड़ों जवान शहीद हुए थे। इन शहीदों में बरेली के भी दो जवान शामिल थे। कारगिल की लड़ाई  में बरेली के हरिओम सिंह और लेफ्टिनेंट पंकज अरोरा की शहादत के बाद उन्हें स्पेशल सर्विस मैडल दिया गया।

बरेली के रहने वाले शहीद पंकज अरोरा कारगिल की लड़ाई में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। बाद में पंकज अरोरा की याद में कारगिल चौक का निर्माण कराया गया। शहीद पंकज अरोरा के नाम से राजेन्द्र नगर में एक पार्क का सौन्दर्यीकरण भी कराया गया है।

बदायूं जिले की बिसौली तहसील के रहने वाले हरिओम पाल सिंह की पत्नी गुड्डी देवी बताती हैं कि हरिओम को मैदानी इलाके अच्छे नहीं लगते थे। वह 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज के जवान थे। उन्होंने पहाड़ों पर और शियाचिन जैसे जबरदस्त बर्फीले इलाके में सरहदों की हिफाजत करते हुए अपनी ज्यादातर ड्यूटी पूरी की। हरिओम पाल सिंह 19 दिसम्बर 1986 को फौज में भर्ती हुए थे। हरिओम पाल सिंह एक शानदार फौजी थे। उन्होंने तीन युद्ध अपने अंतिम युद्ध आपरेशन विजय के दौरान वे शहीद हो गए। ड्यूटी के दौरान उन्हें कई मैडल मिले थे, लेकिन स्पेशल सर्विस मैडल उन्हें मरणोपरांत मिला।

शहीद की पत्नी गुड्डी देवी के अनुसार हरिओम सिंह कारगिल युद्ध से पहले छुट्टियां बिताने अपने परिवार और गांव के लोगों से मिलने आए थे, लेकिन अचानक कंपनी कमांडर की तरफ से फरमान आने के बाद उन्हें कारगिल युद्ध में जाना पड़ा। आदेश मिलते ही वह 26 जून 1999 को ड्यूटी पर रवाना हो गए। इसके बाद परिवार के लोगों से उनकी कभी कोई बात नहीं हो सकी। फिर 2 जुलाई को उनके शहीद होने की खबर पहुंची जिससे पूरा परिवार टूट गया। भारत सरकार ने शहीद के परिवार को घर चलाने के लिए बरेली के डीडीपुरम में पेट्रोल पंप दिया है जिसे उनकी पत्नी गुड्डी देवी और बेटा प्रताप संचालित करते हैं।

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