कानपुर: रैपिड रिस्‍पांस टीम भेजने में देर कर रहा था डाक्‍टर, डीएम की नाराजगी पर खानी पड़ी जेल की हवा

गिरफ़्तारी की खबर से साथी डाक्‍टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया

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नौ घंटे बाद सुबह चार बजे डाक्‍टर को पुलिस हिरासत से छोड़ा गया

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के कानपुर में कोरोना मरीजों के लिए रैपिड रिस्‍पांस टीम भेजने में देरी करने के आरोप में डीएम ने डाक्‍टर के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। डीएम के केस दर्ज कराने के तुरंत बाद पुलिस ने डाक्‍टर को हिरासत में ले लिया। बीती सोमवार रात को डाकटर आलोक तिवारी नगर निगम में कोविड कमांड सेंटर की समीक्षा करने अचानक पहुंच गए। समीक्षा के दौरान डीएम ने सेंटर के भीतर कई खामियां पकड़ लीं। डीएम ने पाया कि कोरोना संक्रमितों से संपर्क करने के लिए रैपिड रिस्‍पांस टीमों को भेजने और कोविड किट बांटने में लापरवाही हो रही है। डीएम के निर्देश पर सेंटर में तैनात पतारा सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र प्रभारी डा नीरज सचान के खिलाफ डीएम ने केस दर्ज करा दिया।

डीएम के निर्देश पर पुलिस डाक्‍टर को को हिरासत में लेकर थाने ले गयी। अन्‍य डाक्‍टरों में इस गिरफ़्तारी की खबर फैलते ही आक्रोश फैल गया। डाक्‍टरों ने डीएम की इस कार्रवाई का विरोध जताते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे डाली। जिसके बाद करीब नौ घंटे हिरासत में रखने के बाद सुबह चार बजे डाक्‍टर को रिहा कर दिया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख अपनाने के बाद कानपुर स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन तेजी के साथ कानपुर के हालात को सुधारने में जुटा हुआ है। जिसके चलते सोमवार देर शाम जिलाधिकारी आलोक तिवारी कोविड कमांड सेंटर के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने उन्हें बताया कि डॉ. नीरज सचान लापरवाही कर रहे हैं। उनका काम व्यापक रणनीति बनाकर रोगियों से संपर्क स्थापित करवाना है और किटों का वितरण कराना है, लेकिन अभी तक मात्र 10 से 12 प्रतिशत लोगों को ही किट मिली है।

डॉ. नीरज से जब DM ने पूछा तो वे सही जवाब नहीं दे सके। इस पर DM ने नाराजगी जताई और कोविड कमांड सेंटर के प्रभारी डॉ. आरएन सिंह को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद आरोपित डॉ. सचान के विरुद्ध थाने में आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। उन्हें लगभग 9 घंटे तक तक थाने में बिठाकर उनसे पूछताछ भी की गई।