19 साल बाद बने विशेष संयोग में इस सावन चार प्रदोष व्रत से करें मनोकामना पूर्ण, जानिए, महत्व व तारीख

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न्यूज टुडे नेटवर्क। पवित्र सावन माह में शिव प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। पूरे 19 साल बाद बने विशेष संयोग के कारण इस बार सावन माह में चार शिव प्रदोष व्रत होंगे। शिव प्रदोष सावन माह में शिव प्रदोष व्रत करने से ग्रह दोष से मुक्ति तो मिलती ही है वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि, धन वृद्धि और संतान प्राप्ति जैसी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव सर्वाधिक प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। आइए जानते हैं सावन के महीने में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत, मुहूर्त और इसका महत्व

सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई शुक्रवार को होगा।

सावन का पहला प्रदोश व्रत- 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को शुरू होगा।

दूसरा प्रदोष व्रत- 30 जुलाई रविवार को है।

सावन का तीसरा प्रदोष व्रत- 13 अगस्त, रविवार को होगा।

वहीं चौथा प्रदोष व्रत- 28 अगस्त सोमवार को होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि, संतान प्राप्ति, धन वृद्धि और ग्रह दोष से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस विशेष दिन पर प्रदोष काल में पूजा-पाठ करने से जातक के जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं।

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