ब्रज में होली की धूम, दुनिया भर से मथुरा पहुंचे हुरियारे
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया
आज ब्रज में होली है रे रसिया
कौन गांव के कुंवर कन्हैया
कौन गांव की राधा गोरी रसिया
आज ब्रज में होली है रे रसिया।
फागुन की शुरुआत होते ही हुरियारों का उत्साह पूरे मथुरा-वृंदावन में देखने को मिलता है। मथुरा में विभिन्न तरह की होलियों में से एक छड़ीमार होली का आयोजन शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली पर किया गया। जिसमें गोकुल की ग्वालिनों ने कान्हा स्वरूप हुरियारों पर प्रेम में पगी छड़ियां बरसाईं। इस दौरान होली के गीतों से वातावरण प्रेममय होता दिखाई दिया। छड़ीमार होली के दौरान गोकुल की कुंज गलियों में चारों तरफ गुलाल उड़ने लगा। आसमान कई रंगों से मिलकर सतरंगी सा दिखने लगा। चारों तरफ फाग गाने वालों और रसियाओं की आवाज गूंजने लगी। होरी के रसिया लोग टेसू के फूलों से बने रंग में सराबोर होकर राधा और कान्हा के साथ होली का आंनद लेते रहे।
मथुरा के वृंदावन के कीकी नगला में विदेशी कृष्ण भक्तों ने फूलों की होली खेली। इस दौरान इंग्लैंड,रूस और यूक्रेन सहित 32 देशों से आए भक्तों ने डीजे की धुन और भजनों पर जमकर डांस किया। फिर एक दूसरे पर फूल डालकर जमकर होली खेली। ।इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रह। फागुन की शुरुआत होते ही हुरियारों का उत्साह पूरे मथुरा-वृंदावन में देखने को मिलता है। मथुरा में विभिन्न तरह की होलियों में से एक छड़ीमार होली का आयोजन शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली पर किया गया। जिसमें गोकुल की ग्वालिनों ने कान्हा स्वरूप हुरियारों पर प्रेम में पगी छड़ियां बरसाईं। इस दौरान होली के गीतों से वातावरण प्रेममय होता दिखाई दिया।
पुरे पश्चिमी यूपी में होली की धूम शुरू हो गयी है। इसी बीच नंद भवन नंदकिला से ठाकुर जी का डोला निकाला गया। डोला नंद भवन से बीच चौक, नंद चौक होकर मुरलीधर घाट पर पहुंचा। मंदिर सेवायत पुजारी ने ठाकुर जी की आरती उतारी। गोकुल वासियों ने गली गली में डोला का फूलों की बरसात कर स्वागत किया।
डोला में गोकुल वासी मस्त होकर नाचते रहे। गोकुल के लोगों ने ठाकुर जी पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। भक्त जयघोष करते हुए डोला के साथ निकले। गोकुल की ग्वालिन छड़ी लेकर डोला के साथ-साथ चल रही थी। हंसी ठिठोली करते हुए ग्वाल ग्वालिन गोकुल की गलियों से गुजरते हुए मुरलीधर घाट पर पहुंचे।जहां ठाकुर जी ने पहली बार बंशी बजाई। वहीं छड़ी मार होली खेली गई।
गोकुल की ग्वालिनों ने छड़ी मार होली ग्वालों के साथ खेली। गोकुल की होली में शामिल होने देश विदेशों से श्रद्धालु गोकुल पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं ने "बिरज में होरी रे रसिया", "गोकुल की गलियों में मच रहा शोर", "होरी खेलन आयो नंदकिशोर", "मेरे चुनरी लग गयो दाग री ऐसो चटक रंग डारो" समेत कई गानों पर डांस किया। देर शाम ठाकुर जी की आरती उतारी गई। ठाकुर जी का डोला नंदभवन नंदकिला के लिए प्रस्थान हुआ। श्रद्धालुओं ने गुलाल उड़ाया, जिसके बाद हर तरफ सतरंगी छटा बिखरने लगी।
गोकुल की छड़ी मार होली देखने को जिलाधिकारी पुलकित खरे एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडेय होली में पहुंचे। गोकुल में मंदिर की सेवायत पुजारी होली से पहले छड़ी मार होली खेलने के लिए न्यौता भेजते हैं मंदिर परिसर में सभी महिलाओं को मेवा युक्त दूध पिलाया जाता है दूध पी कर महिलाएं होली खेलती हैं यह परम्परा हर वर्ष निभाई जाती है।होली खेलने के बाद हर हुरियारिन को मंदिर समिति के द्वारा फऊआ दिया जाता है। फऊआ में बर्तन एवं मिष्ठान वितरण होता है। मथुरा की हुरियारने अपनी छड़ी जब हुरियारों पर बरसाती हैं तो वहां का माहौल देखते बनता है।