पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा की भाजपा में एंट्री, लोकसभा चुनाव में सांसद वरूण गांधी का पत्ता कटने के आसार
चुनावी मौसम में भाजपा ने सपा को दिया तगड़ा झटका

न्यूज टुडे नेटवर्क। चुनावी मौसम में भारतीय जनता पार्टी ने तराई की राजनीति में समाजवादी पार्टी को एक बड़ा दिया है। बरेली मंडल के पीलीभीत जिले के नेता और सपा के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। राजधानी लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी के समक्ष उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान भाजपा के तमाम दिग्गज नेता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस पूरे घटनाक्रम से सपा को तगड़ा झटका लगा है। हेमराज वर्मा का भाजपा ज्वाइन करने के बाद समझा जा रहा है कि पीलीभीत सांसद वरूण गांधी का पत्ता कट सकता है। यानि भाजपा हेमराज वर्मा को अपना लोकसभा उम्मीदवार बना सकती है।

गौरतलब है कि पिछले काफी समय से पीलीभीत के भाजपा सांसद वरूण गांधी अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। मां मेनका गांधी का मंत्री पद जाने के बाद से ही मेनका वरूण पार्टी में हाशिए पर आ गए हैं। अब हेमराज वर्मा के भाजपा ज्वाइन करने के बाद पीलीभीत में नए राजनैतिक समीकरण बनने की पूरी संभावना नजर आ रही है। 2019 के लोकसभा चुनावों में हेमराज वर्मा सपा के टिकट से सांसद वरूण गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। तब हेमराज वर्मा ने वरूण गांधी को चुनाव मैदान में कड़ी टक्कर दी थी।

हेमराज वर्मा को पीलीभीत के बरखेड़ा से विधायकी जीतने के बाद समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री बनाया गया था। इससे प्रदेश में उनका कद काफी बढ़ गया था। सपा सरकार जाने के बाद भी पूर्व मंत्री हेमराज सपा में ही रहे। साल 2019 का लोकसभा चुनाव हेमराज वर्मा समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़े थे। अब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले निकाय चुनाव के मौसम में भाजपा ने सपा के साथ बड़ा खेल कर दिया है।
गुटबाजी के चलते हुआ निर्णय ?
2017 के विधानसभा चुनावों में सपा की करारी हार के बाद ही पीलीभीत में सपा की राजनीति फीकी पड़ गयी थी। समाजवादी पार्टी पीलीभीत जिले की चारों सीटें हार गयी थी। इसके बाद भी पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा समाजवादी पार्टी के लिए ही समर्पित रहे। विधानसभा चुनावों के समय से ही समाजवादी पार्टी में गुटबाजी उभरकर सामने आने लगी थी। इसी के चलते पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज के बेटे शाने अली ने बसपा का दामन थामकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। समझा जा रहा है कि आपसी गुटबाजी के चलते ही पूर्व मंत्री ने अब भाजपा का दामन थामकर सपा की राजनीति को विराम दे दिया है।
स्वच्छ छवि के नेता हैँ हेमराज
हेमराज वर्मा स्वच्छ छवि के नेताओं में शुमार किए जाते हैँ। अभी तक के राजनैतिक कैरियर में हेमराज वर्मा के दामन पर कोई दाग नहीं है। सपा सरकार में मंत्री रहते हुए हेमराज वर्मा की छवि को बट्टा नहीं लगा। भाजपा में हेमराज वर्मा की एंट्री की यह सबसे अहम वजह मानी जा रही है।