दंगल 2024: सियासत के मसले पर अखिलेश के साफ्ट हिन्दुत्व वाले फैसले, सपा को दे रहे नई दिशा
सपा की सेक्युलर छवि को बैलेंस करने की कोशिश में अखिलेश की कवायद
सभी जाति धर्म वर्गों का साथ लेकर चलने का संदेश दे रहे अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की तैयारी की रणनीति बना रही सपा
शुभ दिनों में वीआईपी सीटों का ऐलान कर सकते हैं अखिलेश यादव

न्यूज टुडे नेटवर्क। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने राजनीतिक बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। बीजेपी अपनी सभी सांसदों की रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव भी पार्टी की छवि सुधारने मे जुटे हैं। अयोध्या में बन रहे राममंदिर के जनवरी में होने जा रहे लोकार्पण को लेकर भाजपा पूरे देश में चुनावी माहौल बना रही है। इसके इतर अखिलेश यादव भी सपा की सेक्युलर छवि को बैलेंस करने की कोशिशों में जुट गए हैं। सपा मुखिया की नवरात्रि में वीआईपी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने की घोषणा इसी बात का संकेत माना जा रहा है। मुस्लिम यादव दलित समीकरण के आधार पर लोकसभा चुनाव में उतरने जा रही समाजवादी पार्टी अब पिछड़ों और अगड़ों को भी साधने की रणनीति बनाने में जुटी है। धीरे धीरे साफ्ट हिन्दुत्व की ओर बढ़ रहे अखिलेश लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि उनकी पार्टी केवल सेक्युलरिज्म को ही प्रमोट नहीं करती है बल्कि सभी जाति धर्मों को साथ लेकर चलती है।

दरअसल अखिलेश यादव को भी इस बात का आभास है कि केवल कट्टर सेक्युलर वाली छवि बनकर वे कभी भी देश प्रदेश की सत्ता तक नहीं पहुंच सकते हैं। ऐसे में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी को मेन पालिटिक्स की लाइन में मजबूती से खड़ा करने में जुटे हैं। जल्द ही अखिलेश यादव प्रदेश में साइकिल रैलियों का आयोजन करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि नवरात्रि में वीआईपी सीटों पर ऐलान के साथ ही शुभ दिनों में अखिलेश यादव साइकिल रैलियों का अभियान भी शुरू कर दें।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बात के संकेत दिए हैं कि नवरात्र तक सपा वीआईपी सीट पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर सकती है। सपा अध्यक्ष के इस बयान के बाद वीआईपी सीटों को लेकर चर्चाएं तेज हैं। माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर वो सीटें शामिल हैं, जहां सैफई परिवार के उम्मीदवारों को उतारा जा सकता है।
खबरों के मुताबिक नवरात्र में समाजवादी पार्टी यूपी की 10-12 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का एलान कर सकती है। इनमें से पांच सीटें वो भी शामिल हैं, जिन पर यादव परिवार के सदस्य चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में इन वीआईपी सीटों में से एक सीट मैनपुरी भी हो सकती है। जहां से डिंपल यादव मैदान में उतर सकती हैं। यहां हुए उपचुनाव में डिंपल ने बड़े अंतर से जीत भी हासिल की थी। दूसरी सीट कन्नौज होगी, जहां से अखिलेश यादव चुनाव मैदान में दिखाई देंगे। तो वहीं फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव की उम्मीदवारी भी पक्की है। खुद शिवपाल यादव इसका एलान कर चुके हैं।
सपा बदायूं सीट से धर्मेंद्र यादव और आजमगढ़ सीट पर शिवपाल यादव को मैदान में उतार सकती है। हालांकि शिवपाल चाहते हैं कि इस सीट पर उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट दी जाए। इसके अलावा सपा यहां से किसी स्थानीय उम्मीदवार को भी उतार सकती है। 2019 में आजमगढ़ से अखिलेश यादव चुनाव जीते थे। लेकिन विधायक बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया और उपचुनाव में सपा को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी से दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव जीत गए।
सैफई परिवार के अलावा उन सीटों पर भी सपा उम्मीदवारों के नाम का एलान कर सकती है जहां की चर्चा सबसे ज्यादा रहती है। इनमें सीएम योगी के गृहक्षेत्र गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी और अंबेडकरनगर जैसी सीटें भी शामिल हैं। अयोध्या की सीट तो इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि जनवरी में राम मंदिर का लोकार्पण होगा। ऐसे में यहां का सियासी पारा काफी हाई रह सकता है। खबरों की मानें तो यहां पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद को टिकट दिया जा सकता है।
इनके अलावा लखनऊ, कौशांबी, उन्नाव, मुरादाबाद सीटों को लेकर भी चर्चा तेज है। सपा लोकसभा चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी का मानना है कि समय से पहले उम्मीदवारों के नामों का एलान हो जाने से उन्हें अपने क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा और पार्टी मजबूती से बीजेपी की घेराबंदी कर सकेगी।