बरेली सपा की उलझी कहानी, डा. तोमर ने चुनावी पर्चा खरीदकर बढ़ाई संजीव की परेशानी

बरेली में मेयर की कुर्सी पर कब्जे को लेकर भाजपा और सपा में फिर आरपार की लड़ाई होने के आसार हैं। ऐसे में ही दोनों ही पार्टियां मेयर मुकाबले में अपने-अपने पत्ते फाइनल करने को लेकर एक दूसरे की ओर ताक रही हैं। भाजपा ने अभी अपना टिकट होल्ड पर रखा है। वहीं, सपा ने संजीव सक्सेना के नाम का ऐलान जरूर कर दिया है मगर पूर्व मेयर व वरिष्ठ समाजवादी नेता डा. आईएस तोमर को लेकर अपनी कसरत भी जारी रखी है। डा. तोमर को पिछली बार भाजपा उम्मीदवार डॉ. उमेश गौतम के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना था, जिसकी कसक उनके दिल में अब भी है। सूत्रों का कहना है कि डा. तोमर पिछला हिसाब बराबर करने को भाजपा के निवर्तमान मेयर डॉ. उमेश गौतम से फिर दो-दो हाथ करने की बात अक्सर कहते रहे हैं। वैसे तो अभी भाजपा ने मेयर मुकाबले के लिए अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर भगवा कैंप में अंदरखाने चल रहीं चर्चाओं के हिसाब से डॉ. उमेश गौतम को न सिर्फ मेयर टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है मगर उनका नाम रेस में अभी तक आगे भी बताया जा रहा है। भाजपा कैंप की खबरों पर नजरें जमाए बैठे पूर्व मेयर डा. आईएस तोमर भी शांत नहीं बैठे हैं। आखिरी वक्त में फैसला लेने के लिए वह भी अपना होमवर्क पूरा करके चल रहे हैं। सोमवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट में अपनी टीम भेजकर मेयर चुनाव के लिए अपने नाम से पर्चा खरीदवाए जाने से अंदर की सूचनाओं को और ज्यादा बल मिल गया है। चर्चाओं और कयासों के बीच ये सवाल सबकी जुबान पर है कि डा. तोमर चुनाव सपा की टिकट पर लड़ेंगे या फिर निर्दलीय मैदान में ताल देंगे ! यदि वह निर्दलीय मेयर के दंगल में कूदते हैं, तो सपा क्या करेगी, ये भी बड़ा प्रश्न है कि समाजवादी बिग्रेड पहले ही संजीव सक्सेना को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। संजीव टिकट का ऐलान के बाद लगातार चुनावी कसरत करने में जुटे हैं। आज उन्होंने अपने और बेटे सागर सक्सेना के नाम से पर्चे भी खरीदवा लिए हैं। सभी जानते हैं कि अगर डा. तोमर दल या निर्दल जैसे भी मैदान में उतरे तो बरेली में समाजवादियों का अधिसंख्या समर्थन उनके साथ खड़ा होना तय है। ऐसे में संजीव क्या करेंगे, इसे लेकर भी कई चर्चाएं चल रही हैं। फिलहाल अंदर की खबर ये है कि भाजपा खास रणनीति के साथ मेयर टिकट को लेकर अपने दांव को लेकर आखिरी वक्त तक सस्पेंस रखने वाली है। सपा और बसपा सूत्रों का कहना है कि आगे की कहानी भाजपा के पत्ते सामने आने के बाद ही साफ होगी। इसलिए, अभी हर तरफ वेंट एंड वाच ऑपरेशन जारी है।
