Bareilly-इंसानी मर्ज के साथ पेड़ों का भी होम्योपैथिक में इलाज, पति संग मिल डॉ. सुमन वर्मा ने खोज निकाला
न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। इंसानी मर्ज के साथ-साथ होम्योपैथिक में पेड़-पौधों का इलाज भी संभव है। बरेली के नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन निवासी विकास वर्मा और उनकी पत्नी डॉ. सुमन वर्मा दोनों ही होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। इंसानों का इलाज करते-करते सुमन व विकास को अचानक पेड़-पौधों का इलाज करने की सूझी। पेड़ ठीक हुए तो उन्होंने किसानों को ऑर्गेनिक खेती के बारे में जागरूक करना शुरू कर दिया।
नींबू के पेड़ पर छिड़की होम्योपैथिक दवा
विकास के घर में नींबू का पेड़ था जिस पर फल नहीं आ रहे थे। होम्योपैथिक दवा दी तो पौधे पर फल आने लगे। इसके बाद उन्होंने रामगंगा किनारे मिर्च के बीमार पेड़ों का इलाज किया जो सफल रहा। धीरे-धीरे प्रयोग सफल होते रहे और विकास की हिम्मत व मेहनत दोनों बढ़ती चली गई। रामगंगा किनारे बसे गांवों के किसानों ने खेतों में कीटनाशकों की जगह डॉ. विकास की दवाओं का इस्तेमाल शुरू कर दिया।
2014 में खुद शुरू कर दी ऑर्गेनिक फॉर्मिंग
सैकड़ों किसानों के जीवन में बदलाव लाने के बाद विकास ने 2014 में पीलीभीत में अमरिया पुल के पास अपना फार्म बनाया और आर्गेनिक फार्मिंग शुरू कर दी। उनके फार्म पर तैयार अमरूद बरेली के अलावा तमाम जिलों में चर्चा का विषय हैं। वह सभी फसलों के साथ-साथ फसलों पर भी शोध कर रहे हैं।
होम्योपपैथी इंसानों के साथ पौधों पर भी कारगर
डॉ. सुमन ने बताया कि होम्योपैथी इंसान और पौधे दोनों पर कारगर है। बशर्ते आप इसका ठीक से इस्तेमाल करना जानते हों। अपना फार्म बनाने के बाद अब मैं फिर किसानों को जागरूक करने के अभियान पर निकल पड़ा हूं। इस उम्मीद के साथ कि आहिस्ता-आहिस्ता ही सही, लेकिन एक दिन बड़ा बदलाव आएगा और किसान पेस्टीसाइड्स छोड़कर आर्गेनिक खेती की तरफ लौट आएंगे।