Bareilly-ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट से तन व घायल जानवरों का इलाज कर मन सुंदर बना रहीं शालिनी अरोरा

न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। कहते हैं कि जानवर इंसान के अच्छे मित्र होते हैं पर बरेली निवासी शालिनी अरोड़ा के साथ यह कहावत एक दम उलट है। शालिनी जानवरों की अच्छी दोस्त बनकर उनके लिए वह कर रही हैं जो अक्सर एक इंसान दूसरे इंसान के लिए नहीं करता। बरेली के फिनिक्स मॉल के पास
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Bareilly-ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट से तन व घायल जानवरों का इलाज कर मन सुंदर बना रहीं शालिनी अरोरा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। कहते हैं कि जानवर इंसान के अच्छे मित्र होते हैं पर बरेली निवासी शालिनी अरोड़ा के साथ यह कहावत एक दम उलट है। शालिनी जानवरों की अच्छी दोस्त बनकर उनके लिए वह कर रही हैं जो अक्सर एक इंसान दूसरे इंसान के लिए नहीं करता।

बरेली के फिनिक्‍स मॉल के पास रहने वाली शालिनी अरोरा का ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट का बिजनेस है। साथ ही शालिनी अपनी प्राइवेट एनजीओ मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी भी चलाती हैं। इसके तहत उन्‍होंने रिठौरा रोड पर प्रेम आश्रम नाम से जानवरों के लिए निवास बना रखा है। यहां उन जानवरों को रखा जाता है जो हादसे में घायल हो जाते हैं या बीमार हो जाते हैं। यहां उनके उपचार से लेकर खाने-पीने की व्‍यवस्‍था शालिनी करती हैं। शालिनी बताती हैं कि इस वक्‍त प्रेम आश्रम में करीब 250 जानवर रह रहे हैं। उनकी सेवा के लिए कर्मचारियों को भी रखा है।

Bareilly-ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट से तन व घायल जानवरों का इलाज कर मन सुंदर बना रहीं शालिनी अरोरा

पिता से मिली प्रेरणा, पति का मिला साथ

शालिनी का मायका और ससुराल दोनों बरेली में ही है। शालिनी के पिता स्‍व. दिनेश कुमार अग्रवाल बिजनेसमैन थे। उन्‍हें जानवरों से भी प्रेम था। बिजनेस टूर पर उनको जहां भी बीमार या घायल जानवर मिल जाता था तो वे उसे घर ले आते थे। यहां उसकी सेवा करते और फिर ठीक होने के बाद उसे छोड़ देते थे। पिता को देखकर उन्‍हें भी जानवरों से प्‍यार हो गया। शादी के बाद पति गिरीश अरोरा ने भी साथ दिया तो ये प्‍यार आगे बढ़ता चला गया। उनकी दो बेटियां हैं। दोनों ही एनिमल लवर हैं।

Bareilly-ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट से तन व घायल जानवरों का इलाज कर मन सुंदर बना रहीं शालिनी अरोरा

सूचना पर तुरंत पहुंचती हैं टीम के साथ

शालिनी बताती हैं कि उन्‍हें जहां भी किसी भी जानवर के घायल होने की सूचना मिलती है तो वे पूरी टीम के साथ वहां पहुंचकर उसे अपने आश्रम लेकर आती हैं। अगर छोटा-मोटा इलाज होता है तो वे खुद करती हैं। बड़ी सर्जरी के लिए आईवीआरआई में जानवर को लेकर जाती हैं। घायल जानवरों के ठीक होने के बाद उन्‍हें आजाद कर देती हैं।

भारत सरकार ने सौंप रखा है अहम जिम्‍मेदारी

भारत सरकार की तरफ से उन्‍हें मानव जिला पशु कल्‍याण अधिकारी के रूप में भी मनोनित किया है। साथ ही वे आईएईसी की सदस्‍य भी हैं।

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