बरेली: क्षय रोग नहीं है लाइलाज, जानिए, बचाव व संक्रमण के कारण

50 क्षय रोगियों को वितरित किया पोषण आहार

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न्यूज टुडे नेटवर्क। क्षय रोग अब कोई लाइलाज बीमारी नहीं है परंतु सभी क्षय रोगियों को अपना उपचार सही ढंग से पूरा करना चाहिए। प्रधानमंत्री वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त का संकल्प ले चुके हैं  इसी लक्ष्य को लेकर सोमवार को फरीदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 50 क्षय  रोगियों को गोद लेकर पोषण आहार वितरित किया गया।

डॉ अनुराग गौतम चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि टीयू पर उपचारित क्षय रोगियों को स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के सहयोग से जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर केसी जोशी की उपस्थिति में 50 रोगियों को पोषण वितरित किया। सभी से आगे भी इस कार्य में अपना सहयोग देने के लिए अपील की है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. के सी जोशी ने बताया कि सरकार की तरफ से सभी प्रकार का उपचार एवं जांचे सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है।

अब पोषण आहार भी क्षय  रोगियों को दिया जा रहा है जिससे कि वह जल्द स्वस्थ होकर अपना स्वस्थ समाज में योगदान दे सके। जिला पी पी एम समन्वयक विजय कुमार ने बताया कि बरेली जनपद में अभी तक इस बर्ष  700 क्षय रोगियों को गोद लिया जा चुका था आज 50 क्षय रोगियों को गोद लिया गया है हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इस वर्ष पोषण दिया जाए। कार्यक्रम मे डॉ विवेक कुमार डॉ तौफीक डॉ संजीव दिवाकर डॉ इद्र वीर प्रताप सिंह एवं ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अनुराग आदि उपस्थित रहे।

ऐसे लगता है ये रोग

डॉ. केसी जोशी ने बताया कि क्षय रोग के जीवाणु का प्रसार संक्रमित श्वसन छींटों के जरिए फैलते हैं, जैसे बीमार व्यक्तियों के खांसने या छींकने या यहां तक कि बोलने से निकलने वाले छींटे। असंक्रमित व्यक्ति के सांस के जरिए उसके फेफड़ों के अंदर संक्रमित छींटे जा सकते हैं और वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।

यह हो सकते हैं लक्षण-

डॉक्टर जोशी ने बताया कि क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में दो हफ्तों तक चलने वाली खांसी, बलगम (म्युकस) या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, बुखार, और सीने में दर्द  हो सकता है।

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