बरेली मेयर संग्राम: डाक्टर तोमर ने जब 2012 में संभाली थी कुर्सी, तब 8-10 साल के थे ये 86 हजार नए यूथ वोटर
नए यूथ वोटर करेंगे बरेली के मेयर की किस्मत का फैसला
न्यूज टुडे नेटवर्क। नगर निगम चुनाव में सियासत का पारा हाई है। उम्मीदवार अपने अपने ढंग से वोटरों को रिझाने में जुटे हैं। हर वर्ग के वोटरों पर प्रत्याशी छाप छोड़कर वोट बटोरना चाहते हैं। लेकिन वोटर किसके साथ ये खुद उसके फैसले पर ही टिका हुआ है। बरेली मेयर सीट पर दो दिग्गजों के बीच इस बार कांटे का मुकाबला है। वर्तमान मेयर डा उमेश गौतम और दो बार के पूर्व मेयर डा आईएस तोमर चुनावी मैदान में आमने सामने हैं। दोनों दिग्गजों की किस्मत का फैसला इस बार युवा वोटरों के हाथ में है। क्योंकि ताजा आंकड़ों के अनुसार बरेली में पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार 86 हजार के करीब नए यूथ वोटर बने हैं।
80 वार्डों वाले नगर निगम के मुखिया का फैसला इस बार बरेली के 8 लाख 47 हजार 763 मतदाता करने जा रहे हैं। इनमें 4 लाख 55 हजार 954 पुरूष और 3 लाख 91 हजार 809 महिला वोटर अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें जो सबसे खास अहम वोटर हैँ वो यूथ हैं। यूथ का वोट जिस करवट बैठेगा शहर की सरकार वही बनाएगा। मसलन, डा तोमर ने जब साल 2012 में दूसरी बार बरेली के मेयर की कुर्सी संभाली थी तब ये वोटर महज 8 या 10 साल के रहे होंगे। साल 2017 के चुनावों में भी ये नया यूथ वोटर नहीं था।
बता दें कि इस बार बरेली में युवा वोटरों की संख्या 10 फीसदी के करीब बढ़ी है। साल 2017 के बाद हुए पुनरीक्षण अभियान में 86647 नए युवा वोटर बढ़े हैं। यही युवा वोटर किसी भी प्रत्याशी का खेल बनाएंगे और बिगाड़ेंगे। यही वोटर अपने नए पार्षद और मेयर को चुनेंगे। केवल नगर निगम ही नहीं पूरे जिले का यही हाल है। युवा वोट अब हार और जीत का फैसला करने की स्थिति में है।