बरेली मेयर फिर सामान्य कैटेगरी में, जानें कहां कैसे खुले आरक्षण के पत्ते

बरेली सहित 8 मेयर मुकाबले सामान्य उम्मीदवारों के बीच
बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद सामान्य
गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन भी अनारक्षित कोटे में
लखनऊ और कानपुर मेयर सीट महिलाओं के लिए रिजर्व
मेरठ-सहारनपुर ओबीसी, शाहजहांपुर-फिरोजाबाद ओबीसी महिला
झांसी अनूसूचित जाति और आगरा अनूसूचित महिला को रिजर्व
आरक्षण सूची जारी होते ही टिकट के दावेदारों की दौड़ तेज
एक-दो में दिन नगर निकाय की चुनावी तारीख का ऐलान संभव
राज्य में चुनाव मई के पहले सप्ताह में कराए जाने की संभावना
न्यूज टुडे नेटवर्क। यूपी सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही राज्य में नए सिरे से मेयर, नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षद-सभासदों के आरक्षण के साथ अधिसूचना जारी कर दी है। बरेली मेयर सीट एक बार फिर सामान्य कैटेगरी में रखी गई है। बरेली में पिछला चुनाव मेयर चुनाव सामान्य श्रेणी में हुआ था और महापौर की सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। आरक्षण सूची जारी होते ही भाजपा और मुख्य विपक्षी सपा में टिकट को लेकर दावेदारों के बीच रस्साकशी फिर शुरू हो गई है। चुनावी गतिविधियां भी यकायक जोर पकड़ने लगी हैं।

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की ओर से गुरुवार शाम नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा-वृंदावन मेयर सीट अनारक्षित यानी सामान्य श्रेणी में रखी गई है। इसी तरह लखनऊ कानपुर और गाजियाबाद में मेयर चुनाव महिला रिजर्व कैटेगरी में होगा। मेरठ और सहारनपुर में मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है, जबकि शाहजहांपुर व फिरोजाबाद पिछड़ा वर्ग महिला के रिजर्व हुई हैं। झांसी अनुसूचित जाति और आगरा अनूसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई हैं। कुछ माह पहले सरकार ने जब राज्य में चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था, तो उसमें ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी पेंच फंस गया था। ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण तय किए जाने की मांग को लेकर याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद चुनाव पर रोक लगा दी गई थी। मामला आगे सुप्रीम कोर्ट में गया। इस बीच सरकार ने कोर्ट के आदेशानुसार राज्य में ओबीसी आयोग का गठन कर आरक्षण को लेकर सर्वे शुरू करा दिया था। तय वक्त से पहले ही आयोग ने सभी जिलों में सर्वे का काम पूरा करते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। सरकार ने आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया तो वहां से यूपी में नगर निकाय चुनाव को हरी झंडी मिल गई। सुप्रीम कोर्ट से ग्रीन सिग्नल मिलते ही यूपी सरकार तेजी से चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाने में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि आरक्षण सूची जारी होने के बाद अब चुनाव की तारीखों का ऐलान एक-दो के अंदर हो जाएगा। मई के पहले सप्ताह में चुनाव होने की संभावना है। आरक्षण सूची सामने आते ही भाजपा, सपा समेत प्रमुख दलों में टिकट के दावेदारों की दौड़ भाग फिर शुरू हो गई है।
