बरेली: गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण की मौलाना शहाबुद्दीन ने खोली पोल, यूथ को दी पाकिस्तानी तकरीरों से दूर रहने की हिदायत
गाजियाबाद में जैन समाज के युवक के इस्लामिक कन्वर्जन मामले पर जतायी चिंता
न्यूज टुडे नेटवर्क। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने औद्रयोगिक घराने के युवक को जाल में फंसाकर उसके इस्लामिक कन्वर्जन की साजिश के तार पाकिस्तान से जुड़े बताए हैं। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा है कि पाकिस्तानी शहर लाहौर के मौलाना तारीक जमील, हैदराबाद के डॉ असरार अहमद और कराची के डॉ ताहिरूल कादरी जैसे चेहरे अलग-अलग संगठन बनाकर ऐसी साजिश कर रहे हैं। मौलाना शहाबुद्दीन ने भारतीय नौजवानों से अपील की है कि पाकिस्तानी विद्वानों की न तो तकरीर सुनें और न पाकिस्तानी सोशल मीडिया। ऐसे किसी ऐप से भी न जुड़ें, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं। उन्होंने भारत सरकार से भारत विरोधी षडयंत्र में शामिल ऐप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तुरंत पाबंदी लगाने की मांग भी उठाई है। दरअसल, मौलाना ने जिस घटना को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है, उसे लेकर यूपी से लेकर महराष्ट्र तक हड़कंप मचा है।
जैन समाज के छात्र को ऑनलाइन गेमिंग एप के जाल में फंसाकर उसका इस्लामिक कन्वर्जन कराने के मामले में यूपी की गाजियाबाद पुलिस ने मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया है। यह पूरा मामला ऐसा है कि मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले बच्चों पर खतरा भांपकर किसी का भी कलेजा कांप जाएगा। पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद के थाना कविनगर क्षेत्र में जैन समाज के प्रमुख उद्योगपति के बेटे के धर्म परिवर्तन कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। छात्र के इस्लामिक कन्वर्जन को लेकर परिवार ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा जिम करने का शौकीन था। वह दिन में कई-कई बार जिम करने जाता था। अचानक उसका व्यवहार बदलना शुरू हुआ तो घरवालों ने उसके बारे में जानकारी की। पीछा करने पर पता लगा कि जिम जाने की कहकर वह दिन में पांच बार मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता था।
छात्र के पिता के मुताबिक, उनका बेटा ऑनलाइन गेमिंग के जरिये मुंबई के रहने वाले बद्दो नामक युवक के संपर्क में आ गया था। उसके बाद बेटे की गवितिधियां बदलने लगीं। वह कई-कई घंटे बाद घर लौटता था। शक होने पर उसका पीछा किया गया तो तो पता चला कि वह गाजियाबाद में सेक्टर-23 संजयनगर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता था। सच सामने आया तो परिवार घबरा गया। जैन परिवार के पूछने पर बेटे ने जवाब दिया कि इस्लाम अन्य धर्मों से बेहतर है, इसलिए उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है। बेटे के मोबाइल और लैपटॉप को खंगाला गया तो उसमें तमाम इस्लामिक सामग्री मिलीं, जिनमें कुछ भारतीय कानून की विरोधी भी थीं। मुंबई के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के बद्दों ने करीब दो साल पहले उनके बेटे को कंप्यूटर पार्ट्स बेचे थे। जिसके बदले में बेटे ने जुलाई 2021 में बद्दो को 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे।
तब से बेटा बद्दो के प्रभाव में था। घंटों उसके साथ मोबाइल पर बात करता था। कई भी नंबर थे, जिनसे उसकी बातचीत होती थी। उद्योगपति ने पुलिस से आशंका जताई कि उनका बेटा अबोध है और उसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा सता है। पुलिस ने छात्र के धर्मांतरण के मामले में मुंबई निवासी बद्दो तथा गाजियाबाद की मस्जिद के के इमाम के खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार कर लिया था मगर मुंबई वाला बद्दो अब तक नहीं पकड़ा जा सका है। बद्दो ने धर्मांतरण के बाद नाबालिगों को दुबई ले जाने का लालच दिया था। कहा था कि हवाई यात्रा, खाना-पीना और रहना-सहना सब मुफ्त होगा। पुलिस को यह जानकारी बद्दो और नाबालिग छात्रों की चैटिंग से मिली है।
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आ चुकी है कि गाजियाबाद का छात्र इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक का भी समर्थक है। जाकिर नाइक भड़काऊ भाषण देता है। उस पर भारत में भरकाऊ भाषण देने, मनी लांड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के मामले में वह वांटेड चल रहा है। गिरफ्तार मौलवी अब्दुल रहमान की व्हॉट्सऐप चैट से भी पुलिस को अहम सबूत मिले हैं। कई नाबालिगों को इस्लाम धर्म अपनाने तथा उन्हें नमाज पढ़ने के लिए वह उकसाता था। अब्दुल रहमान मूलरूप से बलिया का रहने वाला है और करीब तीन दशक में गाजियाबाद में रह रहा था। रहमान द्वारा गाजियाबाद के दो तथा फरीदाबाद और चंडीगढ़ के एक-एक नाबालिग का धर्म परिवर्तन कराने की पुष्टि हुई है। जांच में पूरे रैकेट के पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आ रहे हैं। धर्म परिवर्तन कराने के बाद नाबालिगों को पाकिस्तानी धर्मगुरू डॉक्टर तारिक जमील की तकरीरें सुनाई जाती हैं। डॉ. तारिक जमील तबलीगी जमात से जुड़े हैं। इसे लेकर यूपी एटीएस भी जांच में जुटी है। अफसरों का कहना है कि कन्वर्जन गैंग तीन चरणों में नाबालिगों का धर्म परिवर्तन कराता था। पहले और दूसरे चरण में इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए उकसाया जाता था,
जबकि, तीसरे चरण में उन्हें भड़काऊ तकरीरों से कट्टर बनाया जाता था। अंदेशा जताया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद नाबालिगों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने की चाल भी हो सकती है। इसे लेकर भी जांच एजेंसियां इन्वेस्टीगेशन में जुटी हैं। गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिगों का धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का सरगना बद्दो है। हालांकि उसका असली नाम खान शाहनवाज मकसूद है, जो ठाणे, महाराष्ट्र के देवरीपाडा इलाके का रहने वाला है। यूपी पुलिस ठाणे पहुंची तो वहां से वह फरार हो चुका था। गाजियाबाद की पीडित जैन फैमिली ने बद्दो को नाबालिग बेटे से डेढ़ लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कराने की जानकारी दी है। जांच में पता लगा है कि बद्दो ने यह रकम खान शाहनवाज मकसूद के बैंक खाते में ट्रांसफर कराई थी। खाते को खंगालने पर पुलिस को हजारों की संख्या में ट्रांजेक्शन मिली हैं। शक है कि बद्दो धर्म परिवर्तन कराने के साथ साथ लोगों से रकम भी ऐंठता है। बद्दो की गिरफ्तारी से और भी ज्यादा चौंका देने वाले राज सामने आने की संभावना है।
गाजियाबाद की घटना को लेकर चिंतित बरेलवी मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि गेम के जरिए एक पाकिस्तानी ऐप यूथ क्लब से कुछ नौजवान जुड़े और उनको धर्मांतरण करने के लिए लालच का सहारा लिया गया। इस्लाम में लालच और डराकर य दबाव डालकर किसी भी व्यक्ति का धर्मांतरण करना जायज नहीं है। सूफियों ने भारत में प्यार मोहब्बत और दिलों को जोड़ने का काम किया। गाजियाबाद में नौजवान का गेम के जरिए धर्मांतरण कराने वाले ऐप पाकिस्तानी हैं। बहुत सारे पाकिस्तानी ऐपों के जरिए आतंकी गतिविधियां भी जाती रही हैं, ये देशवासियों के लिए चिंता का विषय है।