बरेली: सफेदपोशों की आड़ में आरके गोला ने बरेली समेत आसपास फैला दिया था महाठगी का जाल, कई परतें खुलना अभी बाकी  

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न्यूज टुडे नेटवर्क। जनता की खून-पसीने की कमाई को लूट की माल की तरह बटोरने वाला महाठग रूपकिशोर गोला सलाखों के पीछे जरूर पहुंच गया है मगर उसके महाजाल की कई परतें खुलना अभी बाकी हैं। बदायूं के एक सामान्य परिवार का रूपकिशोर गोला ने एक दशक के अंदर बरेली के अंदर ऐसा तिलिस्मी जाल फैलाया कि हजारों लोग करोड़ो-अरबों की ठगी का शिकार हो गए। जालसाज गोला के शिकार आम लोग ही नहीं, नौकरशाहों के रिश्तेदार भी बन गए। बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत से लेक रामपुर, मुरादाबाद तक लोगों ने रूपकिशोर गोला की चिट फंड कंपनी आईसीएल में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगाया था। महाशातिर रुपकिशोर गोला ने इसके बाद वही किया जो देश में आमतौर पर अधिकांश चिटफंड कंपनियां भोली-भाली जनता के साथ करती आ रही हैं। बदायूं में कादरचौक रोड पर स्थित छोटे से गांव रमजानपुर के रहने वाले चारों तरफ से नोटों की बारिश हुई तो रुपकिशोर गोला आरके गोला बन गया और राजा-महाराजाओं जैसी शानो-शौकत भरी जिंदगी जीने लगा। लूट का माला था तो उसने बेहिसाब तरीके से लुटाया भी। रुहेलखंड से लेकर लखनऊ-देहरादून तक आरके गोला ने न जाने कितने पावरफुल नेता एवं नौकरशारों से सम्बंध बना लिए। यह बात किसी से छिपी नही है कि राजनीति, शासन-प्रशासन में आरके गोला जैसे चमकते चेहरों की बहार हमेशा रहती है। आरके गोला भी बड़ी-बड़ी महफिलों में मेहमान बनता रहा।

मंत्री-संतरी क्या, मुख्यमंत्रियों तक से जोड़तोड़ कर गोला की मुलाकातों का सच सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के जरिए आसानी से समझा जा सकता है। पैसे का खेल था, जो गोला को सम्मान के साथ राजनीति एवं सत्ता के मंचों से खूब इनाम भी मिले। कभी वह यूपी रत्न तो कभी उत्तराखंड रत्न कहलाया गया। जनता का पैसा हजम करने के बाद आरके गोला बालीबुड की महफिलें सजाता था और जश्न पर लाखों रुपये फूंकता था। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में वह बालीबुड अभिनेत्री जरीन खान के साथ भी देखा जा रहा है, जिसे उसे कार्यक्रम में बरेली बुलाया था। आरके गोला की तरह ही उसके भाई अवधेश गोला की महफिलें विदेशों तक जमती थीं। अवधेश गोला तो बरेली से अपने दोस्तों को हर साल दुबई की सैर कराने ले जाता था। सोशल मीडिया पर वायरल कई साल की तस्वीरों गोला ब्रदर्स के बेहिसाब खर्च साबित करने के लिए काफी हैं।

2012 से 2017 तक यूपी में रही सपा सरकार में आरके गोला जिस तरह समाजवादी नेताओं का दुलारा बना रहा था, वैसे ही उसकी 2017 के बाद से अब तक राज्य में भाजपा की सरकार के रहते वह भगवा कैंप में गहरी पैठ रही है। कितने ही सांसद, पूर्व सांसद, विधायक-पूर्व विधायकों से आरके गोला के रिश्ते राजनीति के गलियारों में जगजाहिर हैं। पीड़ित निवेशकों का कहना है कि आरके गोपाल की तरह की उसका भाई अवधेश गोला भी महाजालसाज है और चिट फंड कंपनी के जरिए ठगी में बराबर उसके साथ शरीक रहा है। सपा सरकार में आरके गोला ने बरेली में अलीगंज रोड पर सबसे बड़ी अत्याधुनिक कामधेनु डेयरी खोली था, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते थे। बड़ी संख्या में साहिवाल किस्म की गायें डेयरी में लाई गई थीं। हालांकि, गोला का मकसद डेयरी चलाना नहीं, बल्कि उसकी आड़ में दूसरे खेल करना था।

पुलिस की छानबीन में पता लगा है कि आरके गोला एक वक्त बीमा एजेंट का काम करता था। वर्ष 2008 में उसने इमेज कैरियर लिमिटेड (आईसीएल कंपनी) की शुरुआत की थी। लोगों को  जमाधन पर बैंक से अधिक ब्याज का झांसा देकर अपनी कंपनी में पैसे जमा कराए। कहा जाता हे कि गोला ने कंपनी में लगभग एक लाख लोगों को एजेंट के रूप में जोड़ा था। एजेंटों ने अरबों रुपये कंपनी में जमा कराए। जब लोगों के निवेश किए रुपये लौटाने की मियाद पूरी हुई तो आरके गोला मुकर गया। नियमानुसार कंपनी को पॉलिसी मेच्योर होने की तारीख पर ही निवेशकों का पूरा भुगतान कर देना चाहिए था मगर महाठग आरके गोला ने ऐसा नहीं होने दिया। पैसे देने की जगह निवेशकों की सहमति और उनके हस्ताक्षर के बिना ही उनके पैसे का कंपनी में रि-इन्वेस्टमेंट दिखा दिया। अपनी रकम वापस पाने को परेशान निवेशक लंबे समय से आरके गोला और उसके भाई अवधेश गोला के चक्कर लगा रहे थे मगर दोनों हर बार नई कहानी सुनाकर सबको गुमराह कर रहे थे।

मगर महाठग गोला ब्रदर्स कब तक निवेशकों से भाग सकते थे। लगातार शिकायतों के बाद भी पुलिस पावरफुल गोला पर हाथ डालने से बच रही थी। ऐसे में निवेशकों ने खुद ही फ्रॉड आरके गोला को धर दबोचा। सूत्रों का कहना है कि कुछ पुलिस अफसरों के रिश्तेदार भी पीड़ितों की भीड़ में शामिल थे। पकड़े जाने के बाद गोला सिर्फ तीन लोगों के पैसे एक महीने के अंदर वापस करने का झांसा दे रहा था। इसके बाद बात बिगड़ती गई और भीड़ ने आरके गोला को भारी फजीहत के साथ उसके कार्यालय से पकड़कर थाना प्रेमनगर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने ताबड़तोड़ केस दर्ज कर आरके गोला और उसके साथी जितेन्द्र को जेल भेज दिया है।

बताया जाता है कि आरके गोला की कंपनी आईसीएल में कम पढ़े लिखे और बेरोजगार लोगों को जोड़ा गया। छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों को भी एजेंट बनाकर कोट-पेंट और आईकार्ड देकर मैदान में उतारा गया। गोला खुद स्टेज शो करके एजेंटों को लोगों से निवेश कराने के पैंतरे सिखाता था। जो एजेंट जितना अधिक निवेश कराता था उसको कंपनी की तरफ से बाइक या कार उपहार में दी जाती थी। आरके गोला लोगों को झांसा देता था कि उसकी कंपनी निवेशकों का रुपया रियल एस्टेट कारोबार में लगाती है। बावजूद गोला इस रकम का इस्तेमाल अपने लिए कर संपत्ति खरीदने के लिए करता था। रामगंगा के पास जिस भूमि पर गोला की डेयरी है, वह जमीन भी निवेशकों की रकम से ही गोला ने खरीदी है। राजेंद्र नगर में मल्टीनीड सुपर स्टोर खोला गया। रामपुर के बिलासपुर में स्काई लायर कॉलोनी बनाने के नाम पर 350 बीघा जमीन खरीदी। गोला ने बोगस कंपनी बनाकर शेयर मार्केट में भी अपनी कुछ कंपनियां सूचीबद्ध कराईं। इसमें आईसीएल आर्गेनिक, बीटेसी एग्रो शामिल हैं। गोला आईसीएल मल्टीट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को शेयर मार्केट में सूचीबद्ध कराने की तैयारी कर रहा थ, लेकिन उससे पहले ही पकड़ गया। आरके गोला के खिलाफ प्रेमनगर थाने में धोखाधड़ी के चार और पीलीभीत में दो मुकदमे दर्ज है। वहीं जितेंद्र के खिलाफ प्रेमनगर थाने में एक मामला दर्ज हो चुके हैं और अभी भी बड़ी संख्या में निवेशक केस दर्ज कराने को लाइन में लगे हैं। निवेशकों की रकम वापस होगी कि नहीं, इसे लेकर फिलहाल कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है मगर महा जालसाज आरके गोला के न जाने कितने और राज पुलिस की इन्वेस्टीगेशन में सामने आना तय माने जा रहे हैं।

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