दरगाह आला हजरत के संगठन की अपील- बकरीद पर खुले में ना करें कुर्बानी, गढ्ढों में दबाएं अवशेष

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न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव एवं काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा कादरी के दामाद फरमान हसन खान ने कहा है कि इस बार ईद-उल-अजहा 29 जून को मनाया जाएगा। सुबह नमाज के बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू होगा, जो एक जुलाई को सूर्यास्त तक जारी रहेगा। 

उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि खुली जगह पर कुर्बानी न करें। कुर्बानी के बाद अवशेष को जमीन में दफन कर दें। यह भी ख्याल रखें कि कुर्बानी के बाद खून नालियों में न बहे। कुर्बानी से जुड़ी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर न करें। ऐसा कोई भी काम न करें जिससे किसी की भावन को ठेस पहुंचे। इस पर्व को सभी मिल जुलकर मनाएं।

बरेली में ईद-उल-अजहा पर इस बार ईदगाह में नमाज का वक्त बदला गया है। सुबह 10:30 बजे होने वाली नमाज अब सुबह 9:30 बजे होगी। लोगों के मशवरे के बाद काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खान कादरी की ओर से यह फैसला लिया गया है। 

ईदगाह कर्बला कमेटी के जनरल सेक्रेटरी डॉ. सरताज हुसैन नूरी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 29 जून को ईदगाह में होने वाली ईद-उल-अजहा की नमाज काजी-ए-हिंदुस्तान अदा कराएंगे। समाज के लोगों से अपील की गई है कि बदले हुए वक्त पर नमाज अदा करने ईदगाह पहुंचे

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