रामपुर में वोटिंग : भगवा घेराबंदी के बीच आजम का बड़ा इम्तिहान
न्यूज टुडे नेटवर्क/ यूपी की रामपुर विधानसभा पर हो रहे विधानसभा उप चुनाव में सबकी नजरें यहां होने वाले मतदान पर टिकी हैं। सीनियर समाजवादी लीडर एवं पूव मंत्री आजम खां की सियासी जमीन होने की वजह से रामपुर सीट हमेशा सुर्खियों में रही है। आजम को नफरती भाषण मामले में सजा होने के बाद उन्हें विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। जिसके बाद रिक्त हुई रामपुर सीट पर उप चुनाव में आजम के करीबी आसिम रजा सपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि भाजपा से आकाश सक्सेना मैदान में हैं। बसपा उप चुनाव लड़ नहीं रही और कांग्रेस उम्मीदवार पहले ही भाजपा प्रत्याशी को अपना समर्थन देकर मैदान छोड़ गए हैं। ऐसे में सीधा-सीधा मुकाबला सपा-भाजपा में हो रहा है। 5 दिसंबर को होने वाले मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना के लिए रामपुर प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
रामपुर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास: 80 के दशक से पहले तक मुस्लित बहुल रामपुर विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। रामपुर नवाब खानदान के लोग यहां कांग्रेस के चुनावी चेहरे हुआ करते थे। 1980 में आजम खां ने रामपुर में पहली बार विधायकी का मुकाबला जीता था। इसके 1996 में कांग्रेस उम्मीदवार से एक बार की हार को छोड़ दें तो आजम रामपुर से रिकार्ड 10 बार विधायक बने। आजम 1996 में राज्यसभा सदस्य रहे हैं। 2019 में वह रामपुर लोकसभा सीट से सपा की टिकट पर सांसद बने थे। बाद में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में आजम के करीबी आसिम रजा सपा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे मगर वह भाजपा के घनश्याम लोधी के हाथों शिकस्त खा बैठे थे।
2022 में जीत-हार की कहानी: रामपुर सीट पर चुनाव 2022 में सपा उम्मीदवार आजम खां ने भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना उर्फ हनी को 55 हजार से भी अधिक वोटों से हराया था और 10वीं बार रामपुर से विधायक बने थे। आजम खान को 1,30,528 वोट मिले। वहीं, आकाश सक्सेना को 75,666 वोटों से संतोष करना पड़ा। तीसरे नंबर पर पर बसपा के सदाकत हुसैन 4888 वोटों के साथ रहे। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान 3990 वोट हासिल कर चौथे स्थान पर रहे।
2019 लोकसभा चुनाव की तस्वीर: 2017 में रामपुर से विधायक बने आजम खां ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जयप्रदा को एक लाख से अधिक वोटों पराजित किया था। आजम के सांसद बनने पर हुए विधानसभा उप चुनाव में उनकी पत्नी तंजीन फातिमा सपा उम्मीदवार बनीं और भाजपा प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता को पराजित कर विधानसभा में पहुंची थीं।
वोटिंग को लेकर कड़े सुरक्षा इंतजाम - रामपुर उप चुनाव की वोटिंग को लेकर प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इसके लिए 166 मतदान केंद्र और 454 बूथ बनाए गए हैं। उप चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर रामपुर विधानसभा क्षेत्र को 6 जोन और 34 सेक्टरों में बांटा गया है। मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा की कमान पुलिस के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स को सौंपी गई है। चुनाव आयोग रामपुर पर सतर्क निगाह बनाए हुए हैं।
मतदाताओं का मौजूदा गणित : चार दशक से भी अधिक समय से समाजवादी गढ़ मानी जाने वाली रामपुर विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है। इसमें मुस्लिम-हिंदू भागीदारी का आंकड़ा 60:40 का बताया जाता है। मुस्लिम आबादी में सबसे ज्यादा ज्यादा पठान और अंसारी हैं, जिनके अनुमानित मतदाताओं की संख्या करीब 80 हजार है। इसके अलावा तुर्क व अन्य बिरादरियां भी हैं। हिंदुओं में वैश्य और लोधी समाज के मतदाता करीब 35-35 हजार हैं। यादव, सैनी और अनुसूचित जाति के मतदाता अच्छी संख्या में हैं।
आजम का वोट कटा, नकवी-जयप्रदा डालेंगे वोट: नफरती भाषण मामले में सजा होने के बाद आजम खां की विधानसभा सदस्यता ही नहीं गई, बल्कि उनका मतदाता सूची से नाम भी कट गया है। 45 बरस के सियासी करियर में पहला मौका है, जब चुनाव लड़ना तो दूर आजम खां अपना वोट भी नहीं डाल पाएंगे। दूसरी ओर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और पूर्व सांसद जयप्रदा रामपुर में है और दोनों उप चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।