Vastu Shastra: अगर आप भी किचन में रखती हैं पूजा-मंदिर, तो पहले जान लें वास्तु के ये खास नियम

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News Today Network: भगवान की पूजा के लिए अधिकांश घरों में पूजा मंदिर (Puja Temple) की स्थापना की जाती है. मान्यता है कि पूजा स्थान से पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए घर में रखने के लिए उस स्थान का चयन किया जाता है जो सबसे पवित्र होता है|वैसे तो अधिकांश घरों में पूजन के लिए अलग से पूजा स्थल होता है, लेकिन कुछ घरों में जगह का अभाव रहता है जिस कारण घर के किचन में ही पूजा स्थान निर्धारित कर लिया जाता है| साथ ही वहां पूजा मंदिर की स्थापना की जाती है. आइए वास्तु (Vastu) के अनुसार जानते हैं कि अगर किचन में पूजा मंदिर (Puja Mandir in Kitchen) है तो उसके लिए वास्तु के किन नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है|

पूजा-मंदिर का रंग 

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किचन में पूजा में मंदिर रखा जाता है तो उसका रंग लाल होना चाहिए. लाल रंग को अग्नि तत्व का प्रतीक माना गया है. ऐसे में अगर किचन का रंग भी लाल हो तो यह वास्तु शास्त्र की दृष्टि से सही है. अगर लाल रंग ना रखना चाहें तो पीला, भूरा, सिल्वर या सफेद रंग भी शुभ माना गया है.

किचन में पूजा-मंदिर की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर किचन में मंदिर बनवाना अनिवार्य हो तो ऐसे में इसकी दिशा हमेशा पूर्व-उत्तर में होना चाहिए. इस दिशा से देवताओं संबंध रहता है. ऐसे में इस दिशा में मंदिर रखने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. कहा जाता है कि इस दिशा में मंदिर रखने से शुभ-लाभ की प्राप्ति होती है. 

किचन स्थित मंदिर में भगवान की मूर्ति

वास्तु के मुताबिक किचन में स्थित मंदिर में भगवान शिव की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए. इसके अलावा शिवलिंग भी नहीं रखना चाहिए. ऐसे में किचन में स्थित पूजा मंदिर में मां अन्नपूर्णा, भगवान श्रीकृष्ण, गणपति और हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए. इसके अलावा मां लक्ष्मी की बैठी हुई तस्वीर रखी जा सकती है.

किचन में पूजा-मंदिर तो रखें इन बातों का विशेष ध्यान 

  • किचन में स्थित पूजा-मंदिर की साफ-सफाई बेहज जरूरी होता है. 
  • किचन में पूजा-मंदिर है तो ऐसे में झूठे बर्तनों को सिंक में नहीं रखना चाहिए. 
  • किचन में कभी भी जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए.  
  • खाना बनाने के बाद सबसे पहले देवी-दोवताओं को भोग लगाना चाहिए. 
  • किचन पूजा-मंदिर होने पर हमेशा सात्विक भोजन ही बनाना अच्छा रहता है.
  • पूजा मंदिर की दिशा में चूल्हा रखना चाहिए. किचन में भगवान की ओर पीठ करके भोजन पकाना अच्छा नहीं माना गया है. 
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