ऐसी सीढ़ियां करियर में ऊपर नहीं, ले आती हैं नीचे

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News Today Network- वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से के लिए नियम बनाए हैं, जिनसे परिवार में प्रेम भाव बना रहता है और समृद्धि भी घर आती है। वहीं अगर वास्तु दोष होता है तो कितनी भी मेहनत कर लें उसका फल पूरा नहीं मिलता है। इससे अवसाद और मानसिक तनाव बढ़ जाता है। इसलिए हर इंसान चाहता है कि उसके घर में किसी भी तरह का कोई वास्तु दोष ना हो। घर के वास्तु में सीढ़ियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सीढ़ियां घर में नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा भी लाती हैं और इसका सीधा असर घर में रहने वाले लोगों पर पड़ता है। ऐसे वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियां किस तरह की होनी चाहिए…

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां हमेशा नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। इस दिशा में सीढ़ियां होना उत्तम माना जाता है। इससे घर में प्रगति होती है और सुख-शांति बनी रहती है। वहीं उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन भी सीढ़ियों के निर्माण के लिए सही माना जाता है।

कभी भी मुख्य दरवाजे के सामने, उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में सीढ़िया नहीं होनी चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में रहने वाले सदस्यों के हाथ से अच्छे मौके छूट जाते हैं और आमदनी भी घटती है। साथ ही ये हार्ट संबंधित समस्या को भी न्यौता देती हैं।

सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में होनी चाहिए, जैसे 7, 11, 15, 19 या फिर 21 आदि। घर में विषम संख्या में सीढ़ियां खुशियां बनाए रखती हैं और मकान मालिक के विकास और लोकप्रियता में वृद्धि होती है। आम तौर पर घर में 17 सीढ़ियां शुभ मानी जाती हैं।

सीढ़ियों के नीचे किचन, बाथरूम या फिर फिश-एक्वेरियम ना रखें। कोशिश करें कि इन सभी चीज के लिए अन्य विकल्प का इस्तेमाल करें। इससे ना केवल आर्थिक स्थिति कमजोर होती है बल्कि परिवार वालों की सेहत पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। साथ ही धन एकत्र करने में काफी परेशानी आती है। इसलिए सीढ़ियों के नीचे जल से संबंधित कोई चीज ना हो।

अगर सीढ़ियां गलत दिशा में बनी हुई हैं और तोड़-फोड़ संभव नहीं है तो वास्तु शास्त्र में इसका भी उपाय बताया गया है। आप सीढ़ियों पर स्टोन पिरामिड की स्थापना कर सकते हैं। यह पिरामिड सीढ़ियों की वजह से उत्पन्न हो रहे वास्तु दोष को खत्म करेगा और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करेगा।

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