121 किलो की कांवर लेकर निकला शिवभक्त, शिवरात्रि के दिन होगा अभिषेक...

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न्यूज़ टुडे नेटवर्क! हिंदू धर्म में कावड़ यात्रा के प्रारंभ को लेकर बहुत सी कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।  मान्यता है कि इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन शुरू होने से पहले ही कांवड़ यात्रा की शुरूआत हो चुकी हैं। शिव भक्त कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल भरकर लाने के लिए निकल चुके हैं। कोरोना के चलते 2 साल तक रुकी कांवड़ यात्रा इस बार पूरे रंग में नजर आ रही है। भगवा रंग के कपड़े पहने कांवड़िये बड़ी तादात में हरिद्वार पहुंचना शुरू हो चुके हैं। इस दौरान रंग बिरंगी और अनोखी कांवड़ देखने को मिल रही है। इस बीच शिवभक्तों का एक ऐसा टोला भी है जिसने हरिद्वार से 121 किलो गंगाजल भरा है। शोभित त्यागी नाम के इस शख्स ने अपने साथियों के साथ हरिद्वार से 121 किलो गंगाजल भरा है। शोभित बुलंदशहर से हरिद्वार जल लेने निकले हैं। शोभित बताते हैं कि उन्होंने 27 जून को ये कांवड़ उठाई थी और वो रोज 7 से 8 किलोमीटर पैदल चलते हैं।

शोभित के मुताबिक वो 27 जुलाई को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। शोभित के मुताबिक उन्होंने हर की पौड़ी से 121 किलो गंगाजल भरा है। वहीं एक और शिवभक्त केशव त्यागी ने 101 किलो गंगाजल भरकर यात्रा शुरू की है। आने वाले दिनों में ऐसे कई कांवड़िये नजर आएंगे जो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरह से कांवड़ लेकर जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रशासन ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। कांवड़ मार्ग पर शराब और मीट की दुकानें बंद कर दी गई है साथ ही उन्हें तिरपाल से ढ़का जा रहा है। दूसरी तरफ प्रशासन ने कांवड़ियों को लेकर भी कुछ खास दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान कोई कांवड़िया तलवार, त्रिशूल या डंडा लेकर नहीं चलेगा। अगर किसी कांवड़िये के पास इनमें से कोई भी सामान पाया जाता है तो उसे वहीं जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

शोभित त्यागी नाम का शिव भक्त हरिद्वार से 121 किलो गंगा जल भर कर पैदल अपने साथियों के साथ उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर पहुंचा। शोभित यह तीसरी कावड़ यात्रा है। 27 जून को उन्होंने हरिद्वार से यात्रा शुरू की और रोजाना अपने साथियों के साथ मिलकर 7 से 8 किलोमीटर पैदल चलते हैं। शोभित का कहना है कि उन्होंने 27 जून को हरिद्वार हर की पौड़ी से 121 किलो गंगाजल जलभरा था. उन्हें चलते-चलत पूरे 15 दिन हो गए हैं. वो रोज 7 से 8 किलोमीटर पैदल चलतें हैं उनके ग्रुप में 4 सदस्य हैं। कोरोना की वजह से दो साल तक कावड़ यात्रा बंद रही जिससे उन्हें बेहद निराशा है. इस बार बड़ी संख्या में कावड़ियों की भीड़ उमड़ रही है. 26 जुलाई को शिवरात्री के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा।

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