पंचतत्व में विलीन हुए नेताजी, हजारों की संख्या में लोगों ने लाड़ले नेता को अंतिम विदाई
न्यूज टुडे नेटवर्क। हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा…। ये जननेता मुलायाम सिंह यादव की अंतिम विदाई थी, जिसमें हर दिल रोया और हर आंख भर आई। सिर पर लाल टोपी, शरीर पर समाजवादी झंडा और उसके ऊपर तिरंगे में लिपटे नेताजी आज अपने आखिरी सफर पर निकले थे। जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया की समाजवादी क्लास के मेधावी स्टूडेंट के रूप में निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में छा जाने वाले नेताजी मुलायम सिंह यादव को उनके पैतृक गांव सैफई में बेहद गमगीन माहौल के बीच अंतिम विदाई दी गई। देश-दुनिया से पहुंचे गहरे शोक के संदेशों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ब्रिजेश पाठक, कांग्रेस लीडर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, तेजस्वी यादव, कई मंत्री, राजनेताओं के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने नेताजी को अपनी भाववीनी श्रृद्धांजलि दी। बरेली से सैफई पहुंचे पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, नेताजी के करीबी रहे पूर्व सीएमओ डॉ. विजय यादव सहित तमाम समाजवादियों ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन किए।
नेताजी मुलायम सिंह यादव की पार्थिव देह रात में अंतिम दर्शनों के लिए सैफई स्थित आवास पर रही। सुबह पुष्प सज्जित वाहन में नेताजी का पार्थिव शरीर सैफई महोत्सव ग्राउंड ले जाया। जहां हजारों की तादाद में लोग अपने लाड़ले नेता के अंतिम दर्शन के लिए लगातार उमड़ता रहे। यूपी के कौने-कौने से समाजवादी कार्यकर्ता और समर्थक नेताजी को अंतिम बार देखने के लिए सैफई पहुंचते रहे। साए की तरह हमेशा नेताजी की सुरक्षा में मुस्तैद रहने वाले सिक्योरिटी कमांडो और निजी अंगरक्षकों ने बेहद भावुक पलों में मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन किए तो वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति अपने आंसू नहीं रोक सका। नेताजी के भतीजे धर्मेन्द्र यादव बिलखते नजर आए। नेताजी के पुत्र अखिलेश यादव, बहू डिंपल यादव, प्रतीक यादव, अपर्णा यादव, भाई शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल यादव की आंखों से आंसुओं के सैलाब उमडते रहे और वे खुद को संभालते हुए नेताजी के समर्थकों को संभालते दिखाई दिए। अंतिम दर्शन का तय वक्त बीतने के बाद भी लोग अपने नेता की एक झलक देखने को लाइन में लगे रहे।
नेताजी के पुत्र अखिलेश यादव ने मत्रोच्चार के बीच पिता के अंतिक संस्कार की रस्म शुरू कराई। असहनीय वेदना की घड़ी में अखिलेश यादव को उनकी पत्नी डिंपल संभालतीं दिखाई दीं। इसके बाद नेताजी के अंतिम संस्कार की रस्म आगे बढ़ी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की शव यात्रा में समर्थकों का सैलाब उमड़ा कि इंतजाम कम पड़ गए। सैफई ग्राउंड क्या, गांव की सड़कें, खेत-खलिहान सब छोटे नजर आए। अंत्येष्टि स्थल पर चारों ओर समाजवादी समर्थक रोते-बिखलते दिखाई दिए। नेताजी मुलायम सिंह यादव अमर रहें…. जब तक सूरज चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा… जैसे शोर गूंजते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिता नेताजी मुलायम सिंह यादव को जब मुखाग्नि दी तो उस वक्त हर तरफ वेदना का ज्वार फूट पड़ा। नेताजी मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो गए हैं और अपने पीछे छोड़ गए हैं कभी न भूल पाने वालीं यादें। नेताजी की यादों की बारात और संघर्ष से सफलता की दास्तान ऐसी, जो उनके समर्थक समाजवादियों को हमेशा संघर्ष की राह दिखाएगी।