अपनों के विरोध के कारण ही प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे नेताजी मुलायम सिंह यादव, जानिए, ये कहानी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। अपनों के ही विरोध के कारण मुलायम सिंह प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे। यह कहना अब गलत नहीं होगा। क्‍योंकि तब पूर्व रेलमंत्री और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत शरद यादव ने उनके प्रधानमंत्री बनने का विरोध जताया था। हालांकि अब वर्तमान में लालूप्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक रिश्‍ते जुड़ चुके हैं।

सपा संस्‍थापक और 7 बार के सांसद व तीन बार यूपी के मुख्‍यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव को उनके समर्थक नेताजी कहकर बुलाते थे। इतना ही नहीं तमाम बड़े दिगगज विपक्षी नेता भी उन्‍हें नेताजी कहकर ही संबोधित किया करते थे। नेताजी के जीवन का एक अहम किस्‍सा है जो इतिहास में दर्ज हो गया। मुलायम सिंह यादव देश की राजनीति की धुरी रहे हैं। लेकिन वे प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए। आखिर क्‍यों इस सवाल का जवाब किसी किसी के पास ही है।

बात 1996 के लोकसभा चुनावों की है। कांग्रेस को सीटें काफी कम मिली थीं ऐसे में उस वक्‍त कांग्रेस सरकार बनाने की स्थितिमें नहीं थीं। तब भाजपा ने 161 सीटें जीतकर स्‍व अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व में सरकार बनायी थी। हालांकि यह सरकार महज 13 दिनों में गिर गयी। इसके बाद प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे मुलायम सिंह यादव का नाम दिग्‍गजों की रेस में लिया जाने लगा।

उस वक्‍त के राजनीतिकारों की मानें तो लालू प्रसाद यादव के विरोध के कारण मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे। तब उनके स्‍थान पर एचडी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री बनाया गया। मुलायम सिंह यादव को रक्षामंत्री बनाया गया। इसके बाद इन्‍द्र कुमार गुजराल ने देश का प्रधानमंत्री पद संभाला।

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