उर्स ए रजवी पर मुस्लिम एजेंडा जारी, काशी-मथुरा, दिल्ली-आगरा पर चर्चा, नौकरियों में आरक्षण पर जोर
न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली में तीन दिवसीय उर्स ए रजवी के मौके पर उलमा ने मुसलमानों के हितों को लेकर खास मुस्लिम एजेंडा जारी किया गया है। दरगाह आला हजरत स्थिति इस्लामिक रिसर्च सेंटर में बुधवार को देश भर के सामाजिक, धार्मिक बुद्धिजीवियों की मीटिंग हुई। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न राज्यों से आए उलेमाओं ने मुसलमानों के मसाइल के साथ सियासी हालात और पार्टियों को लेकर लंबी चर्चा की। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मुस्लिम एजेंडा जारी किया गया।
एजेंडे में कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें। समाज में फैल रहीं बुराइयों की रोकथाम करें, वरना इसके भविष्य में नुकसान उठाने पड़ेंगे। देश की एकता और अखंडता के लिए मुसलमान हर कुर्बानी देने को तैयार हैं मगर हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वाली राजनीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती। जुल्म और नाइंसाफी को ज्यादा दिन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकारों और राजनैतिक पार्टियों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा। मुसलमानों के प्रति आचरण में बदलाव लाना होगा। ऑल इंडिया मुसलिम जमात जल्द ही देश में ‘हिंदू-मुस्लिम जोड़ो’ मुहिम चलाकर नफरत फैलाने वालों को जवाब देगी। मुसलमानों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने, सरकारों में मुस्लिम नुमाइंदगी बढ़ाने और अयोध्या को छोड़कर कानून के हिसाब से बाकी धर्मस्थलों की यथास्थिति कायम रखने जैसी बातों को मुस्लिम एजेंडे में प्रमुखता से शामिल किया गया है।
मुस्लिम एजेंडे के मुख्य बिंदु
1-2021-22 में मुस्लिमों में शिक्षा की दर पहले के मुकाबले बढ़ी
2-गरीब मुस्लिम भी बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाने को तैयार
3-मालदार मुस्लिम गरीब व कमजोर बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएं
4-मदरसों व मस्जिदों में हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर शिक्षा के इंतजाम करें
5-मां-बाप अपनी संपत्ति में लड़कों के साथ लड़कियों को भी हिस्सा दें
6-जकात को एक जगह इकट्ठा कर गरीब व जरूरमंदों की मदद करें
7-मुसलमान कानून के दायरे में रहें, जरूरत पर अफसरों को बताएं
8-सभी सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार
9-मुस्लिम फायदे को माइनोरिटी उत्थान योजनाओं में बदलाव करें
10-बेकसूर मुस्लिम उलमा और नोजवानों की गिरफ्तारी रोकी जाए
11-लव जिहाद, मॉव लिंचिंग, धर्मांतरण, टेरर फंडिंग के नाम पर
भयभीत किए जा रहे मुस्लिम, इसकी रोकथाम तुरंत की जाए
12-कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम लड़कियों की शादी की मुहिम चला
रहे, इससे हिंदू-मुस्लिम कौमी एकता को हो सकता है खतरा
13-मुस्लिमों को आर्थिक आधार पर नौकरियों में आरक्षण मिले
14-सबका साथ सबका विकास वाली सरकारों में मुस्लिम नुमाइंदगी
बहुत कम, इस बड़े समुदाय को नजरंदाज करने का क्या कारण
15-उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे संविधान के उसूलों के खिलाफ
16-ज्ञानव्यापी मस्जिद, मथुरा ईदगाह, बदायूं जामा मस्जिद, आगरा
ताजमहल, कुतुबमीनार आदि को लेकर मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन,
केन्द्रीय हुकूमत के मुखिया इस पर ध्यान दें, क्योंकि कानून के हिसाब
से अयोध्या को छोड़कर बाकी में यथास्थिति की बात कही गई है।
17-केन्द्रीय हुकूमत पैगंबरे इस्लाम बिल संसद में लाए, ताकि इस
कानून के जरिए गुस्ताखी करने पर कार्रवाई हो सके।
19-केन्द्र व राज्य सरकारें किसी समुदाय के साथ भेदभाव न करें,
सूफी सुन्नी बरेलवी मुसलमानों को हुकूमत में नुमाइंदगी दें
20-जो पार्टी मुसलमानों के लिए काम करेंगी, मुस्लिम उसके साथ खड़े होंगे।