जानिए, क्यों सांसद मनोज तिवारी समेत 9 पर दर्ज हुयी एफआईआर
न्यूज टुडे नेटवर्क। झारखंड के देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा चूक मामले में भाजपा के दो सांसदों समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, देवघर एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) पर दबाव बनाकर जबरन क्लीयरेंस लेने का आरोप है। इसमें गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी, भाजपा नेता कपिल मिश्रा समेत 9 लोगों का मामला शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देवघर एयरपोर्ट के डीएसपी सुमन अमन ने कुंडा थाना में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके मुताबिक, 31 अगस्त को निशिकांत दुबे, अनके दोनों बेटे, मनोज तिवारी समेत 9 लोगों ने एटीसी में जबरन घुसकर क्लीयरेंस लेने का दबाव बनाया। इसके साथ ही डीएसपी ने अपनी शिकायत में बताया कि देवघर एयरपोर्ट में नाइट टेक ऑफ और लैंडिंग की सुविधा नहीं है। शिकायत के मुताबिक, इन लोगों ने जबरन क्लीयरेंस लेकर चार्टड प्लेन से वापस लौट गए।
मुकदमे से बंद नहीं होगी लड़ाई
इस मामले को लेकर निशिकांत दुबे का भी बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बौखलाने की बात कही है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि मुद्दा अंकिता की निर्मम हत्या है, उसके परिवार से मिलने हम मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा क्या गए हेमंत सोरेन जी आप इतना बौखला गए, पूरा पेड सिस्टम व हसैडी अधिकारी गाली देने लगे। अंकिता व झारखंड के इस्लामी करण से त्रस्त परिवार के इंसाफ़ की लड़ाई केस मुक़दमे से बंद नहीं होगी। इसी बीच निशिकांत दुबे ने एक न्यूज चैनल के साथ खास बातचीत में कहा कि अगर आरोप साबित हो गए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
इससे पहले डीसी देवघर ने कहा था कि उपरोक्त सभी तथ्यों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि एयरपोर्ट संचालन के सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हुए यात्रियों द्वारा एटीसी में प्रवेश किया गया, नाइट ऑपरेशन की सुविधा न रहने के बावजूद, यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए क्लीयरेंस के लिए दबाव बनाया गया।
जिसका जवाब देते हुए निशिकांत दुबे ने कहा था कि यह एक अपराधी का अंदाज़ है जो ज़बरदस्ती बिना अनुमति के सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसता है। आप एयरपोर्ट के अंदर किस हैसियत से गए ? आपको CCTV देखने की इजाज़त किसने दी ? आप फरषटाईया गए हैं, मुख्यमंत्री की चमचागिरी करिए व मस्त रहिए। उन्होंने कहा था कि यात्री मैं था, मेरे भाई मनोज तिवारी जी, कपिल मिश्रा, नीलकंठ बक्क्षी, सुनील तिवारी ने मेरे दोनों बेटे थे। किस यात्री की सुरक्षा को ख़तरा था ? इसको स्टॉकहोम सिंड्रोम का शिकार कहते हैं।