जानिए, यूपी में कहां होती है 455 साल पुरानी रामलीला, अयोध्‍या काशी के बाद सबसे पहले हुयी थी शुरूआत

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के बरेली में विजयादशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। यहां की ऐतिहासिक 455 साल पुरानी रामलीला में रावण मेघनाद और कुंभकरण के पुतले धूधू जलकर जले तो पब्लिक खुशी से झूम उठी और पूरा मेला ग्राउण्‍ड जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। भव्‍य आतिशबाजी से आसमान में अद्भुत नजारे देखने को मिले। हजारों की संख्‍या में मौजूद लोगों ने बड़े चाव से रामलीला मंचन का आनन्‍द लिया।

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बरेली में 455 साल पुरानी रामलीला में रावण वध करते प्रभु श्री राम के स्‍वरूप

प्रभु श्री राम और रावण के बीच अट्टाहस भरे संवाद सुनकर जनता रामलीला मंचन पर मोहित हो गयी। जैसे ही भगवान श्री राम ने लंकापति की अमृत नाभि में अस्‍त्र का प्रहार किया वैसे ही अति बलशाली सम्राट चारों वेदों का ज्ञाता और स्‍वर्ण लंकाधिपति रावण धरती पर गिर गया। अंतिम समय में जब प्रभुश्री राम ने महाज्ञानी रावण से ज्ञान लेने के लिए अपने छोटे भाई लक्ष्‍मण जी को भेजा तो रावण ने उन्‍हें ब्रम्‍हांण्‍ड का अनंत ज्ञान दिया।

बरेली में हो रही 455 साल पुरानी ऐतिहासिक रामलीला में आज दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान हार्ट मैन कालेज ग्राउंड में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। पुतला दहन के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व बरेली के सांसद संतोष गंगवार, मेयर डॉ उमेश गौतम, विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मेले में पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी भी अपने परिवार के साथ पहुंचे। सुरक्षा के लिए खुद पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी एडीजी जोन राजकुमार, एसपी सिटी राहुल भाटी मौजूद रहे।

गौरतलब है की हार्टमैन कॉलेज ग्राउंड पर पिछले 455 वर्षों से लगातार रामलीला का मंचन होता आ रहा है। बताया जाता है कि देश में जब रामलीला का शुरुआत हुई थी तो सबसे पहले अयोध्या, फिर काशी और उसके बाद बरेली में रामलीला की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर आज तक रामलीला का मंचन लगातार हो रहा है। वैसे तो बरेली में कई जगह पर मेले का आयोजन होता है। रावण का पुतला दहन किया जाता है, लेकिन हार्टमैन रामलीला ग्राउंड पर सबसे बड़ा मेले का आयोजन होता है जिसमें दूरदराज से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।

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