इस जन्माष्टमी जानें, घर में लड्डू गोपाल को रखने के ये खास नियम, तभी प्रसन्न होंगे बाल गोपाल...

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न्यूज टुडे नेटवर्क। कोविड संकट टलने के दो साल बाद इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 18 और 19 अगस्त को मनाया जायेगा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। पुराणों और शास्त्रों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी का अवतार हैं। विष्णु जी ने माता देवकी और वासुदेव जी के वंश में कान्हा के रूप में जन्म लिया था। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।  

जन्माष्टमी के मौके पर लड्डू गोपाल की पूजा अलग ही महत्व है, लेकिन घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करने के कई अलग मायने भी हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं जो घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करते हैं, लेकिन उनकी सेवा पूजा के सही नियम कायदों से वे अनजान होते हैं। इस जन्माष्टमी हम आपको बता रहे हैं कि यदि आपके घर में लड्डू  गोपाल हैं तो उनकी सेवा पूजा कैसे करें और किन नियमों का पालन करें।

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नियम से कराएं स्नान 
बाल गोपाल को एक बच्चे की तरह ही रखना होता है। जिस तरह आप रोज स्नान करते हैं, उसी तरह आपको नियमित रूप से लड्डू गोपाल को भी स्नान करना होगा। लेकिन स्नान कराते समय इन बातओं का ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल को स्नान कराने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल, घी का इस्तेमाल करना चाहिए। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर स्नान कराना चाहिए। 

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तैयार करें   
बाल गोपाल को स्नान के बाद एक शिशु की तरह तैयार करना चाहिए। उनके नियमित रूप से वस्त्र बदलने चाहिए। यदि आप ऐसा न कर सकें तो पुराने वस्त्रों को धोकर पहनाएं और इसके बाद चंदन  का टीका लगाएं। 

भोग लगाएं 
लड्डू गोपाल या बाल गोपाल को को नियमित रूप से 4 बार भोग लगाना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण को सात्विक भोजन ही कराएं। आप रसोई में जो भी सात्विक भोजन पकाएं, उसका भोग लड्डू गोपाल को जरूर लगाएं। वैसे आप माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं। आपको बता दें कि श्री कृष्ण को खीर आति प्रिय है। 

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आरती करें 
बाल गोपाल की नियमित रूप से आरती भी जरूर करें। बाल गोपाल को बेले के फूल और केला अति प्रिय हैं आरती करते वक्त आप लड्डू गोपाल को यह चीजें जरूर अर्पित करें। दिन में चार बार लड्डू गोपाल की आरती करना अनिवार्य है। 

न छोड़ें अकेला 
बाल गोपाल के शिशु रूप को घर में स्थापित करना मतलब नन्हे बालक को घर में रखना है। इसीलिए उनका ख्याल आपको बिलकुल वैसे ही रखना होगा, जैसे घर के छोटे बच्चे का रख जाता है। इसलिए घर में बाल गोपाल को कभी अकेला न छोड़ें। यदि आप लंबे समय के लिए कहीं जा रही हैं तो उन्हें संग लेकर जाएं और उनकी पूजा जरूर करें। 

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