जन्माष्टमीः ठाकुर जी के स्वागत को तैयार बाजार, अबकी बार ये हैं नए पकवान, पोशाक और श्रृंगार...
बरेली के बाजारों में इस बार मौजूद एक से बढ़कर एक क्रेजी आयटम
न्यूज टुडे नेटवर्क। जन्माष्टमी के त्यौहार की धूम अब चारों ओर छा गयी है। कोविड संकट के दो साल बाद अब सब कुछ खुलने के बाद पूरी छूट के साथ इस बार जन्माष्टमी का यह पहला त्यौहार मनाया जा रहा है। बाजार गुलजार हो गए हैं, दुकानों पर खरीददारों की भीड़ उमड़ रही है। जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास का पर्व है इसलिए सभी अपने अपने तरीके से इसे मनाते हैं। ठाकुर जी के स्वागत के लिए लोग तरह तरह की तैयारियां करते हैं। घरों में बहुरंगी संजावटें की जाती हैं, तो वहीं एक से बढ़कर एक पकवान भी बनाए जाते हैं।
जन्माष्टमी के मौके पर बाजारों में सबसे ज्यादा रौनक इस बार दिखायी दे रही है। खास इस बार बाजारों में जन्माष्टमी के पर्व से जुड़े ढेरों आयटम छाए हुए हैं। बाल गोपाल के पालने से लेकर भगवान के लिए आकर्षक फैंसी ड्रेस, झूले और कान्हा के श्रृंगार के सामानों से बाजार भरा-भरा नजर आ रहा है। कोविड संकट के दो साल बाजार और कारोबार के लिए बेहद दर्द भरे गुजरे हैं। अब जब सभी पाबंदियां हट गयी हैं तो व्यापारियों के चेहरों पर भी त्यौहारों की ख़ुशी दिखायी दे रही है।
बात बरेली के बाजार की करें तो यहां बड़े बाजार में कान्हा की एक से बढ़कर एक फैंसी पोशाकें उपलब्ध हैं। वहीं बाल गोपाल के झूले और पालने भी अलग अलग डिजायन में उपलब्ध हैं, इनमें चांदी, पीतल, स्टील और तांबे के झूले व पालनों का सबसे अधिक क्रेज दिखायी दे रहा है। अगर इन पोशाकों और झूले व पालनों के दाम की बात करें तो 100 रूपए से लेकर 5 हजार रूपये तक के झूले व पालने बाजार में उपलब्ध हैं। कुछ धनाढ्य वर्ग तो सोने के झूले और पालने भी खरीदते हैं, लेकिन ऐसे खरीददारों की एक सीमित संख्या होती है।
श्रृंगार व पोशाक
बाल गोपाल कान्हा की एक से एक आकर्षक फैंसी ड्रेस की बड़ी रेंज इस बार जन्माष्टमी के मौके पर बाजार में उपलब्ध हैं। रेशम, सूती और सिल्क से बनी इन ड्रेसों को तैयार करने में कारीगर जन्माष्टमी के काफी पहले से ही जुट जाते हैं। नई नई डिजायन की फैंसी ड्रेसें लोगों को बाजार में अपनी ओर बरबस ही आकर्षित कर ले रही हैं। सबसे ज्यादा क्रेज इस बार नई डिजायन की फैंसी ड्रेस को लेकर है। कान्हा के श्रृंगार के आकर्षक आयटम भी बाजार में मौजूद हैं। कान्हा के लिए कुंडल, कंगन, बांसुरी और एक से बढ़कर एक सुन्दर मालाएं भी बाजार में मौजूद हैं।
मटकी
कान्हा को माखन चोर भी कहा जाता है, इसीलिए जन्माष्टमी के मौके पर ठाकुर जी की माखन लीला का भी अलग महत्व है। माखन लीला में काम आने वाली कान्हा जी की माखन मटकी भी बाजार में उपलब्ध है। हालांकि साधारण मटकी मिट्टी से बनी होती है, लेकिन बाजार में इस बार फैंसी मटकियों का खूब क्रेज है। मटकी की गोटे और लैस से सजाकर बेहतरीन चमकीली सजावट के साथ बाजार में ये मटकियां बिक रही हैं।
कैलेंडर व पोस्टर
जन्माष्टमी के कैलेंडर व पोस्टर भी बाजार में इस वक्त छाए हुए हैं। जैसे जैसे नई नई तकनीक आती गयीं वैसे वैसे भगवान के पूजन कैलेंडर व पोस्टरों आदि का स्वरूप भी बदलता चला गया। बीते दौर में स्क्रीन प्रिन्टिंग से पूजन के कैलेंडर व पोस्टर तैयार किए जाते थे, लेकिन अब स्क्रीन प्रिन्टिंग गुजरे जमाने की बात हो चली है। अब इस प्रिन्टिंग की जगह बड़ी और स्वचलित आटोमेटिक मशीनों ने ले ली है। जिससे कैलेंडर व पोस्टर की तस्वीरें अब बदल गयी हैं। पहले जन्माष्टमी के कैलेंडर केवल एक रंग सफेद और लाल रंग के होते थे, लेकिन अब बाजार में जन्माष्टमी पूजन के बहुरंगी कैलेंडर व पोस्टर उपलब्ध हैं। बरेली के बड़े बाजार में शंकर पुस्तक भंडार पर सर्वाधिक रेंज विभिन्न प्रकार के कैलेंडर और कान्हा जी के पोस्टर आदि मौजूद हैं। आपको बता दें कि शंकर पुस्तक भंडार करीब सौ सालों से बरेली में धार्मिक व विभिन्न प्रकार के साहित्य सामग्री की बिक्री करने वाली सबसे पुरानी दुकान है।
व्रत और पकवान
जन्माष्टमी की धूम घरों से लेकर बाजारों तक चरम पर पहुंच गयी है। ऐसे में पकवानों की बात ना हो तो ये एक बेईमानी ही होगी। चूंकि कान्हा का जन्मदिन है और कान्हा पकवानों के खूब शौकीन भी हैं ऐसे में कान्हा के भक्त क्यों पकवानों को छोड़ दें। भले ही जन्माष्टमी के दिन कान्हा के भक्त व्रत रखते हैं लेकिन व्रत के दिन क्या खाना है और क्या नहीं खाना है ये उन्हें खूब पता भी होता है। ऐसे व्रत रखने वाले कान्हा भक्तों के लिए भी बरेली के बाजार में एक से बढ़कर एक पकवान उपलब्ध हैं।
बरेली के किप्स, स्वीट्स पर कान्हा के व्रत परायणी भक्तों के लिए पकवानों की भरमार है। किप्स पर व्रत के पकवानों में उड़द के स्पेशल फलाहारी मेवा पंजीरी, रामदाने की कतली, खरबूजे की गिरी, साबुत खरबूजे की गिरी से तैयार बर्फी, नारियल की बर्फी, लौकी की लौज, केसरिया पेड़ा शुगर फ्री मिल्क बादाम, मिल्क लौज, कोकोनट बर्फी आदि मिठाईयां पकवान मौजूद हैं।
नमकीन
इसके अलावा किप्स पर ही व्रत की फलाहारी नमकीन जो विशेष तौर पर सेंधा नमक, कूटू और देसी घी से तैयार की गयी हैं। जिसमें देसी फलाहारी मिक्स्चर आलूख् काजू, पीनट्स, साबूदाना मिक्सचर उपलब्ध है। सबसे ज्यादा क्रेज छप्पन भोग की थाली का है। छप्पन भोग की स्पेशल थाली विद् मिल्क केक तैयार की जाती है। बरेली की अन्य नामचीन अजन्ता, दीपक, केसर, बालाजी, आदर्श व रमकूमल स्वीट्स आदि पर भी जन्माष्टमी के पर्व के लिए व्रती कान्हा भक्तों के लिए नए से नए पकवान मौजूद हैं।