कटरी ट्रिपल मर्डर केस में 50 दबिशों के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं आया तीसरा मुख्‍य किरदार, लखनऊ से हरिद्वार तक हो रही छापामारी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कटरी के तिहरे हत्याकांड के तीसरे प्रमुख किरदार सुभाष पाठक और उसके भाई वीरेंद्र पाठक के सियासी संरक्षण में लखनऊ में छिपे होने की खबर आम होने के बाद अब पुलिस सक्रिय हो गई है। दावा किया गया है कि पुलिस की अलग-अलग टीमों ने पिछले दो दिनों में उनकी तलाश में लखनऊ के साथ हरिद्वार, बदायूं और आगरा में 50 अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी है, लेकिन फिर भी पाठक भाई हाथ नहीं आए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पाठक भाई हाथ नहीं आए तो दोनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कराकर उन पर इनाम भी घोषित किया जाएगा।

सुरेश प्रधान और सरदार परमवीर सिंह के बीच जमीनों पर कब्जे की जंग में कटरी में तीन लोगों की हत्या के बाद सुभाष पाठक और वीरेंद्र पाठक का भी नाम सामने आया था। सुरेश प्रधान ने दोनों भाइयों को कटरी में जमीनों पर कब्जा कराया था। कटरी में हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत के बाद दोनों भाई फरार हो गए थे।

दो दिन बाद ही सर्विलांस के जरिए उनकी लोकेशन लखनऊ में होने का पता चल गया था लेकिन उनके वहां एक कद्दावर नेता के संरक्षण में छिपे होने की चर्चा के बीच पुलिस ने कई दिन बाद भी लखनऊ की ओर रुख नहीं किया तो सवाल खड़े होने शुरू हो गए।

आईजी के निर्देश पर चार पुलिस टीमें गठित कर लखनऊ के साथ हरिद्वार, बदायूं और आगरा भेजी गईं। बताया जा रहा है कि चारों शहरों में पुलिस टीमों ने पिछले 48 घंटों में 50 से ज्यादा संभावित ठिकानों पर दबिश दी लेकिन पाठक भाई पुलिस के हाथ नहीं आए।

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