बुखार, सिरदर्द और पीठ दर्द कहीं मंकीपॉक्स तो नहीं? जानिये इस बीमारी के लक्षण और उपचार
News Today Network-मंकीपॉक्स एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो जानवरों से फैलती है। जब कोई इंसान संक्रामित जानवर या इंसान के संपर्क में जाता है तो आसानी से इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये बीमारी बंदरों, चूहों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलती है। ये बीमारी संक्रामित इंसान के बिस्तर, उसके घाव, बॉडी के लिक्विड पदार्थ और मुंह के ड्रॉप्लेट्स से फैलती है।
भारत में भी मंकीपॉक्स का एक मामला केरल के कोल्लम शहर में सामने आया है। केरल के हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि यूएई से केरल लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे हैं। हमारे देश में मंकीपॉक्स का जो पहला मामला सामने आया है वो मरीज संयुक्त अरब अमीरात में मंकीपॉक्स से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आया था।नमूने की जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में हुई थी जहां इस बीमारी की पुष्टि हुई है। फिल्हाल मरीज अस्पताल में है और उसका इलाज चल रहा है। जहां अभी भी दुनिया कोविड महामारी के दुष्ट प्रभावों से जूझ रही है और अब एक अलग बीमारी लोगों को डरा रही है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और उससे बचाव कैसे करें।
मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण:
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- पीठ दर्द
- ठंड लगना
- थकान
- सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
मरीज में ये लक्षण दिखने के बाद उसके चेहरे पर चकत्ते दिखने लगते हैं और धीरे-धीरे ये पूरी बॉडी में फैल जाते हैं। पहले ये चकत्ते हल्के होते हैं और बाद में गहरे हो जाते हैं। चकत्ते बड़े पिंपल्स जैसे होते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ते हैं और फिर झड़ जाते हैं । यह रोग 2-4 सप्ताह तक रहता है।
मंकीपॉक्स से बचाव कैसे करें:
- इस बीमारी से बचाव करने के लिए आप जानवरों के संपर्क में जाने से बचें। जानवरों से ये वायरस इंसानों में फैल सकता है।
- संक्रामित इंसान से दूरी बनाकर रखें। जिस तरह से कोविड से बचाव करने के लिए लोगों से दूरी बनाकर रखते थे ऐसे ही अभी भी लोगों से दूरी बनाकर रहें।
- हाथों को बार-बार वॉश करें। बिना वॉश किए हाथों से आंख,नाक और मुंह को नहीं छुएं।
- हालांकि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है। इसके इलाज में चेचक के टीके, एंटीवायरल और वीआईजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।