बरेली के डा हारून इकबाल ने एमबीबीएस की डिग्री लेकर भी अपने शहर के लोगों की सेवा को ही चुना लक्ष्य, होली पर दिया ये संदेश

मेडिवीन पालीक्लीनक के नाम से चलाते हैं खुद का क्लीनिक, 6 सालों से खुशलोक अस्पताल में भी दे रहे हैं स्वास्थ्य सेवाएं
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न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली शहर ने स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी तरक्की की है। बीते सालों में बरेली स्वास्थ्य सेवाओं का सेंटर बना है। चूंकि बरेली के कई चिकित्सक अपनी अपनी विशेषताओं के लिए पहचान रखते हैं ऐसे में बरेली को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में लोग पसंद करते हैं। आज आपको बता रहे हैं बरेली के एक और हेल्थ स्पेशलिस्ट के बारे में जो पिछले कई सालों से बरेली में ही रहकर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। खास बात यह है कि दूसरे महानगरों और बडे षहरों की चकाचैंध और ग्लैमर छोड़कर इन चिकित्सकों ने अपने ही शहर को अपने पेशे की सेवाएं देने के लिए चुना।
दरअसल हम बात कर रहे हैं बरेली के डा सैयद हारून इकबाल की। डा हारून इकबाल कंसल्टेंट फिजिशियन हैं, वे बरेली में डायबिटोलाजिस्ट व क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट के तौर पर भी पहचान रखते हैं। दूर दराज के इलाकों से भी लोग अपनी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए डा हारून के पास आते हैं।

बरेली में डा हारून इकबाल किला के पास मेडिवीन पालीक्लीनिक के नाम से अपना क्लीनिक चलाते हैं। इसके अलावा पिछले 6 सालों से डा हारून बरेली के खुशलोक हास्पिटल में भी प्रैक्टिस करके यहां भी पीड़ितों को उनके रोगों का समाधान दे रहे हैं। डा हारून बरेली के ही रहने वाले हैं, उनका परिवार बरसों से बरेली शहर में ही बसा हुआ है।
डा हारून बताते हैं अपने शहर की बात ही कुछ और है, कहते हैं कि यदि वे चाहते तो एमबीबीएस की डिग्री लेकर किसी भी दूसरे बड़े महानगर या मेट्रो सिटी में जाकर प्रैक्टिस कर सकते थे। लेकिन उनके भीतर अपने शहर के लोगों की सेवा के लिए एक ऐसा जज्बा था जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपने ही शहर बरेली को ही अपना कार्यक्षेत्र बनाया। चूंकि बरेली की गलियों व सड़कों पर बिताए अपने बचपन और स्टूडेंट लाइफ को उन्होंने यहां पूरा किया है इसलिए वे बरेली से अपना लगाव नहीं छोड़ सके। डा हारून ने न्यूज टुडे नेटवर्क को बताया कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा बरेली के ही गिरीश प्रसाद मेमोरियल कालेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने मद्रास यूनवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। डा हारून ने अपनी एमबीबीएस की शिक्षा जमशेदपुर के कालेज में पूरी की। डा हारून के पिता बरेली के ही आईवीआरआई संस्थान से रिटायर्ड आफिसर हैं, उनकी मां एक ग्रहणी हैं। बताते हैं कि साल 2013 में उनका वैवाहिक जीवन शुरू हुआ वर्तमान में उनके दो बेटियां भी हैं।

होली के मौके पर दिया ये संदेश

रंगों के पर्व होली के मौके पर डा हारून इकबाल ने आमजन को शुभकामनायें देते हुए अपने संदेश में कहा कि होली का त्यौहार नजदीक है ऐसे में होली के मौके पर त्यौहार मनाते वक्त सभी को अपनी सेहत का ख्याल भी रखना चाहिए। बताया कि होली खेलते वक्त विशेष रूप से केमिकल रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए। बताया कि केमिकल रंग सीधे बाडी पर विपरीत प्रभाव डालते हैं बाजार के रंगों को आंखों में जाने से भी रोकना चाहिए। यदि आप सुरक्षित होली खेलना चाहते हैं तो हर्बल कलर रंग व गुलाल का प्रयोग करें। वहीं खान पान को लेकर भी डा हारून ने हिदायत दी है, उन्होंने बताया कि अक्सर त्यौहारों के समय हम खान पान को लेकर बेपरवाह हो जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि बाहर का व खुले में रखा खाना खाने से बचें। घर में बना हेल्दी फूड आपकी सेहत के लिए इस वक्त में बेहतर होता है। बाहर का खाना खाने से बचें। अक्सर खुले में रखा खाना खाने पीने से फूड प्वाजनिंग का खतरा बना रहता है। इस दौरान उन्होंने सभी आमजनों को होली के त्यौहार की बधाईयां भी दीं।

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