बरेली: सिटी श्मशान भूमि क्रासिंग पर जल्द बनेगा अंडरपास, मंत्री, विधायक, सांसद के साथ डीआरएम ने किया निरीक्षण
न्यूज टुडे नेटवर्क। सिटी श्मशान भूमि रेलवे क्रासिंग पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए नगर निगम व रेलवे ने यहां अंडरपास बनाने की योजना को मूर्त रूप देने की पहल शुरू कर दी है। शनिवार को राज्यमंत्री शहर विधायक डा अरूण कुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद संतोष गंगवार और कैंट विधायक संजीव अग्रवाल डीएम शिवाकांत द्ववेदी, नगर निगम के अफसरों के साथ डीआरएम ने निरीक्षण कर फाइनल ड्राइंग जनप्रतिनिधियों को दिखायी। डीआरएम ने मंत्री विधायक सांसद को भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द रेलवे अंडरपास बनकर तैयार हो जाएगा।
वहां से गुजरने वालों को किस तरह से जाम से निजात दिलाई जाए। सिटी श्मशान भूमि पर बनने वाले अंडरपास को मढ़ीनाथ, बाकरगंज व श्मशान भूमि पर क़िस तरह से बनाया जाए इसका भी निरीक्षण किया गया।
बरेली सिटी श्मशान भूमि को जाने वाली रेलवे क्रासिंग पर अंडर पास बनाने को लेकर रेल अधिकारियों के साथ बैठक सर्किट हाउस में की गई। जिसमे इज्जतनगर मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष पंत, जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, नगर आयुक्त निधि गुप्ता के अलावा नगर विधायक एवं वन मंत्री अरुण कुमार, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, बिथरी विधायक राघवेंद्र शर्मा और सांसद संतोष गंगवार मुख्य रूप से मौजूद रहे।
रेल अधिकारियों ने अंडर पास की ड्राइंग जन प्रतिनिधियों को दिखाई। रेल अधिकारियों ने अंडर पास के निर्माण को लगभग 18 करोड़ रूपये का एस्टीमेट तैयार किया है। मीटिंग में बजट को लेकर पेंच फंसता हुआ नजर आया। रेल अधिकारियों का तर्क था अगर उन्हें बजट मुहैया करा करा दिया जाए तत्काल प्रभाव से डीआरएम की मंजूरी से टेंडर निकाल कर काम शुरू कराया जाएगा।
वहीं रेलवे की तरफ से बजट को मंजूरी रेलवे बोर्ड से मिलेगी जिसमे समय अधिक समय लगेगा। इसके बाद सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने बरेली सिटी रेलवे क्रासिंग जाकर मौका मुआयना किया और ड्राइंग देखी मंत्री अरुण कुमार और विधायक संजीव अग्रवाल ने शमशान भूमि के नजदीक अंडर पास खोलने की सलाह दी। मौजूदा ड्राइंग में अंडर पास उत्तर रेलवे की क्रासिंग के बाद खुल रहा है।
विधायक संजीव अग्रवाल ने एक सप्ताह के अंडरपास की सभी अड़चने दूर कर लेने को कहा। उन्होंने कहा की सप्ताह भर में ड्राइंग फाइनल कर दोबारा चर्चा की जाए। वन मंत्री अरुण कुमार ने कहा कि यहां अंडर पास बनने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। यहां पूर्वोत्तर रेलवे व उत्तर रेलवे की दो क्रासिंग एक साथ पड़ती हैं। जिससे फाटक बार बार बंद होने से लोग परेशान होते हैं।