बरेली: दोस्त को हुयी टीबी की बीमारी तो मदद की कसक में कोचिंग संचालक ने कर डाला ये अहम काम
अब तक 15 मरीजों को ले चुके हैं गोद, हर माह दे रहे पोषण आहार

न्यूज टुडे नेटवर्क। दोस्तों के लिए लोगों के दिल में खास जगह होती है लेकिन अगर वही दोस्त नेकी की ओर ले जाए तो कहने ही क्या। बरेली शहर में कोचिंग सेंटर चलाने वाले आशीष चौहान ने ऐसे ही दोस्ती की मिसाल पेश की है। दोस्त को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) होने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि सरकार की मदद के बाद भी आर्थिक तंगी हो तो इस बीमारी से उबरना मुश्किल हो जाता है। इसके बाद उन्होंने निश्चय मित्र योजना के तहत हर मरीज को मदद करने की ठान ली और 15 मरीजों को पौष्टिक आहार दे रहे हैं। अब उनकी इस राह पर उनके छात्र चल रहे हैं।

आशीष ने बताया कि 2021 में उनके करीबी मित्र को टीबी हो गई थी। वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था इसलिए दवाइयों के साथ लेने वाले पौष्टिक आहार पर उतना ध्यान नहीं दे पाता था। यह बात कहीं ना कहीं आशीष को बहुत खलती थी। आशीष एमटेक करने के बाद प्रोफेसर के पद पर एक इंस्टिट्यूट में पढ़ा रहे थे लेकिन आत्मसंतुष्टि न मिलने के कारण उन्होंने कोचिंग शुरू की और सोचा कि कोचिंग इंस्टिट्यूट से कुछ पैसे की बचत करके टीबी के मरीजों के लिए कुछ किया जाए। वह डीटीओ डॉ. केके मिश्रा से मिले तो उन्होंने निश्चय मित्र योजना के बारे में बताया।

इसके बाद क्या था। आशीष को आर्थिक रूप से कमजोर टीबी मरीज मिलते रहे और वह उनकी हरसंभव मदद करते रहे। पहले 10 लोगों को गोद लिया जिन्हें वह हर महीने पोषण आहार वितरित करते हैं। इनमें से पांच पूरी तरह ठीक हो चुके हैं इसलिए पांच और लोगों को गोद ले लिया है।
उन्होंने बताया कि उनके पिता प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते थे और मां ग्रहणी हैं। माता-पिता और पत्नी की प्रेरणा से ही वह हर महीने कोचिंग की कमाई से कुछ प्रतिशत हिस्सा निकालकर टीवी के मरीजों की मदद करते हैं। उनको देखते हुए उनके कुछ छात्र भी इस राह पर चल चुके हैं और एक-एक मरीज गोद लिया है।
मजदूरी करने वाले 26 वर्षीय बबलू ने बताया कि उन्हें कई दिनों से खांसी आ रही थी। जिला अस्पताल में दिखाया तो पता चला कि उन्हें टीबी है। दवाई तो निःशुल्क मिलने लगी लेकिन पौष्टिक आहार का सेवन नहीं कर पा रहे थे। आशीष चौहान जी ने पौष्टिक आहार देना शुरू किया तो उनकी हालत में सुधार होने लगा। अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।
क्या है निक्षय मित्र योजना
बरेली के डीटीओ डॉ. केके मिश्रा ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है, ताकि वह मरीज के लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करा सके। निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम छह माह के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर करा सकते हैं।