बरेली: मेयर सीट की जंग, जनरल उम्‍मीदवारों में टिकट को घमासान, जानिए, कौन है सबसे आगे

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में मेयर आरक्षण पर सरकार ने अपने पत्‍ते खोल दिए हैं। बरेली समेत आठ महानगरों में मेयर का चुनाव अनारक्षित यानी जनरल कैटेगरी में होगा। 17 नगर निगमों में आगरा मेयर सीट एसएसी महिला और झांसी मेयर सीट को एसएस वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। इसी तरह पिछड़ा वर्ग कोटे में राज्‍य के चार मेयर का आरक्षण फाइनल किया गया है। इनमें मथुरा और अलीगढ़ में पिछड़ा वर्ग महिला और मेरठ-प्रयागराज में पिछड़ा वर्ग कैटेगरी का चुनाव होगा। प्रदेश में तीन मेयर सीट मुरादाबाद, अयोध्‍या, सहारनपुर महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इसी तरह बरेली, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी में अनारक्षित मेयर चुनाव होगा। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सोमवार शाम को मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्‍यक्षों का ऐलान कर काफी समय से आरक्षण को लेकर चला आ रहा सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। इसके साथ ही सत्‍तारूढ़ भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस व अन्‍य दलों में टिकटों के लिए घमासान शुरू हो गया है।

बरेली में पिछला मेयर चुनाव सामान्‍य वर्ग में हुआ था और भाजपा के डॉ उमेश गौतम महापौर बने थे। इस बार मेयर सीट फिर जनरल कैटेगरी में जाने से भाजपा के अंदर टिकट का मुकाबला बेहद कड़ा हो गया है। मौजूदा मेयर उमेश गौतम जहां फिर से टिकट के दावेदार हैं, वहीं पार्टी का एक बड़ा धड़ा मौजूदा भाजपा महानगर अध्‍यक्ष डॉ केएम अरोड़ा को मेयर उम्‍मीदवार के रूप में देखना चाहता है। इसके अलावा पूर्व दमदारी से मेयर का चुनाव लड़ चुके वरिष्‍ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद भी पार्टी के कई नेताओं की पसंद बनकर सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, पूर्व आईएमए अध्‍यक्ष डॉ विमल भारद्वाज भी प्रमुखता से दावेदारी कर रहे हैं। आईएमए अध्‍यक्ष डॉ विनोद पागरानी भी टिकट के लिए दमदारी से दावा ठोंक रहे हैं।

इससे भगवा कैंप में टिकट को लेकर रस्‍साकशी और तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी की बात करें तो फिलहाल पार्टी के पास दो बार बरेली के मेयर रह चुके डॉ आईएस तोमर जैसा मजबूत चुनावी चेहरा मौजूद है। सपा को ज्‍यादा ताकत देने वाली बात ये है कि डॉ तोमर एक बार निर्दलीय और एक सपा की टिकट पर बाजी मार चुके हैं। इससे भी खास बात ये है कि डॉ तोमर पिछड़ा वर्ग का चेहरा होने के बाद भी सामान्‍य कैटेगरी के चुनाव में बरेली मेयर की कुर्सी पर कब्‍जा जमा चुके हैं। न्‍यूज टुडे नेटवर्क के साथ खास बातचीत करते हुए डॉ तोमर चुनाव लड़ने का संकेत पहले ही दे चुके हैं। पिछला चुनाव बरेली में बसपा नहीं लड़ी थी, जबकि कांग्रेस की टिकट पर मौजूदा महानगर अध्‍यक्ष अजय शुक्‍ला मैदान में उतरे थे। देखना ये है कि बसपा-कांग्रेस चुनावी रण में कैसा प्रयोग करती हैं। फिलहाल सबकी निगाहें भाजपा और सपा पर टिकी हैं, जहां टिकट के लिए जबरदस्‍त दौड़ शुरू हो गई है।

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