बरेली: वर्ल्ड ओजोन डे पर इस्लामियां कालेज के छात्रों ने निकाली जागरूकता रैली
न्यूज टुडे नेटवर्क। विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस पर एफ आर इस्लामिया इंटर कॉलेज के छात्रों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम किए गए। इसमें विद्यालय से कोतवाली तक जन चेतना जागृति रैली (रन टू सेव ओजोन) निकाली गई। जिसमें लगभग 200 छात्रों ने हिस्सा लिया। रैली एवं पर्यावरण चेतना यात्रा को सुबह 9 बजे विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर जावेद खालिद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कार्यक्रम के संयोजक भौतिक विज्ञान प्रवक्ता फरहान अहमद ने बताया कि पृथ्वी के चारों तरफ ओजोन परत बहुत तेजी से घट रही है और इस कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 10 प्रतिशत से भी अधिक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। रसायन जिनमें फ्लोरोकार्बन एक प्रमुख घटक के रूप में होती है, ओजोन परत के लिए बेहद हानिकारक पाए गए हैं। हमें अपनी दिनचर्या में रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर का इस्तेमाल कम करने की कोशिश करनी होगी।
वैज्ञानिक अध्ययनों में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले परफ्यूम और डिओडरेंट भी ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमारे जैसे विकासशील देश में तकनीकी प्रगति के साथ परफ्यूम, डिओडोरेंट्स और इसी तरह के विज्ञापनों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों से आकर्षित न होना मुश्किल हो सकता है।
प्रधानाचार्य मेजर जावेद खालिद ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि ओजोन परत पर फ्लोरोकार्बन के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए छात्र इतने उत्साहित थे कि वे बाहर की जनता तक पहुंचे। वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमें जागरूक होने की बहुत जरूरत है।
वरिष्ठ प्रवक्ता अर्थशास्त्र डॉ मेहंदी हसन ने अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस की जानकारी देते हुए कहा कि ओजोन परत 1970 के दशक से ही पतली होती जा रही है। यह हमारे ग्रह को पराबैंगनी किरणों से बचाती है जो कि कैंसर, फसलों को नुकसान और अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार होती है। ताप में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से अर्थव्यवस्था पर 1 फ़ीसदी का असर पड़ता है और नए विश्लेषण में गर्म क्षेत्रों के उत्पादन में इससे 3 गुना अधिक नुकसान का पता चला है। 1994 से 16 सितंबर को ओजोन परत संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में सभी देशों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।
ओजोन परत की कमी के कारण मॉन्ट्रियल कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत को नामित किया गया था। विद्यार्थियों एवं प्रकृति प्रेमियों को पौधों का वितरण किया गया। मार्ग में जगह-जगह जागरूकता के लिए बच्चों ने नारों तथा पोस्टरों के जरिए कई संदेश दिए। कुछ युवाओं ने ओजोन परत पर इन उत्पादों के हानिकारक प्रभावों को महसूस करते हुए उनका कभी भी उपयोग न करने की कसम खाई। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान, पर्यावरण प्रदूषण, साक्षरता, महिला सशक्तिकरण तथा पौधरोपण का प्रचार-प्रसार भी किया।
इस मौके पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा 12 के मोहित यादव ने प्रथम कक्षा 11 के मोहम्मद अहमद ने द्वितीय तथा कक्षा 12 के अजहर खान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर मोहम्मद नसीम अंसारी, नदीम उज जफर, डॉ टी एच खान सहित सभी शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।