बरेली: रेडक्रास सोसायटी ने वितरित किया क्षय रोगियों को पोषण आहार

न्यूज टुडे नेटवर्क। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को टीबी अस्पताल में रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा 30 क्षय रोगियों को गोद लेकर उनको पोषण आहार वितरित किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि टीबी उन्मूलन की हिस्सेदारी

के लिए टीबी मरीजों को ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा गोद लिया जा सकता है। जो भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेगा, उसे निक्षय मित्र कहा जाएगा। इन निक्षय मित्रों को टीबी मरीजों के पोषण की जिम्मेदारी दी गई है। जिले में वर्तमान में 4534 ऐसे टीबी रोगी हैं, जिन्हें निक्षय मित्र का इंतेजार है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के के मिश्रा जिले में वर्तमान में 8722 टीबी रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों में से 7546 ने उन्हें गोद लिए जाने की इच्छा स्वास्थ्य विभाग के आगे जाहिर की। इन मरीजों के पास टीबी के इलाज के दौरान पोषण सामग्री का अभाव है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुल 3303 टीबी के मरीजों को ही गोद लिया गया है। 4243 मरीज अभी भी निक्षय मित्रों के इंतजार में हैं। जिससे उन्हें पौष्टिक आहार मिल सके। निक्षय मित्र एक या उससे अधिक टीबी के मरीज को कम से कम छह माह या एक साल के लिए गोद ले सकता है।
कार्यक्रम में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ सुदेश कुमारी, जिला अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भानु प्रकाश, जिला कार्यक्रम समन्वयक निखिल बंसल एवं जिला पी पी एम समन्वयक बिजय कुमार उपस्थित रहे।
क्या है निक्षय मित्र योजना ---जिला पी पी एम समन्वयक बिजय कुमार ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम छ माह के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है।
मरीजों से बातचीत-
मरीज शिवपाल (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उनको कई दिनों से खांसी और सीने में भारीपन था संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाया तो जांच के बाद पता चला कि उन्हें टीबी है अब वह लगातार टीबी की दवाइयां खा रही है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पौष्टिक आहार मिलने में दिक्कत हो रही थी तो डीटीओ डॉ. के के मिश्रा के सहयोग से पौष्टिक आहार मिलने लगा है जिसके कारण अब स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है।